Main Tere Layak Nahi Shayari

1- मैं बस एक शायर हूँ पर शायद तेरे लायक नहीं।

2- ये बात नहीं की मै तेरे लायक नहीं, महज़ तू एक नशा है जो मेरे मजहब में जायज नहीं।

3- जिस्म की खातिर सच्ची मोहोब्बत के कातिल है ये, आज कल के चाहने वाले चाहत के नाक़ाबिल है ये।

4- सभी के कानों को भा सके हम वो गायक नहीं है, खुद को दुखी कर सभी को खुश रखें हम इतने लायक नहीं है।

5- तुझे ही गुनगुनाते रहे तू वो आयत नहीं है, खूबसूरत बहुत है तू लेकिन दिल लगाने के लायक नहीं है।

6- काबिलों के काफिलों से अलग नाकाबिल मैं नालायक अकेला ही ठीक हूँ।

7- ना जाने ये कैसी मोहोब्बत कर रहे हैं हम, जो हमे नज़रअंदाज़ करते हैं उन्ही के अंदाज़ पर मर रहे हैं हम।

8- झूठ पर चुप्पी है सच पर बवाल बड़े हैं, मेरी काबिलियत पर नाक़ाबिल लोगों के सवाल बड़े है।

9- क्या करूँ की तेरी महफिलों में शामिल हो जाऊं, क्या करूँ ऐसा की तेरी मोहोब्बत के काबिल हो जाऊं।

10- मुझे यूँ ना देख मैं इस रिश्ते का कातिल नहीं था, माना मैं तेरे लायक नहीं था पर तू भरोसे के लायक नहीं था।

11- ना माने कोई तो नाराज़ रहने देना, ये दुनिया भरोसे के लायक नहीं राज़ को राज़ रहने देना।

12- मान चुके है तेरे लायक नहीं हैं अब सारे ज़माने को बता कर तू क्या साबित कर लेगा।

13- जब-जब मुझे लगा तेरे लिए ख़ास मैं हूँ, तूने देर ना लगाई एहसास कराने में की झूठी आस में हूँ।

14- ठीक मैं लायक नहीं, तुम काबिल सही मैं नालायक सही।

15- फ़र्क़ नहीं पड़ता अब कुछ पाने या खोने से, मैं खुद के लिए काफी हूँ फ़र्क़ नहीं अब तुम्हारे होने ना होने से।

16- अक्सर वफादार लोग भी उन्हें ही मिलते हैं जो किसी की वफ़ा के लायक नहीं होते।

17- क्यों बार-बार बताते हो कमी को मेरी, क्यों आसमान सा ऊंचा उड़कर तरसाते हो ज़मीं को मेरी।

18- नाकाबिल नहीं था मैं बस खुद को उसकी निगाह से देख खुद को नज़रअंदाज़ कर रहा था।

19- खुद को तेरे काबिल बनाने के लिए, बुरा बन गया सारे ज़माने के लिए।

20- खुद को हताश ना कर दोस्त तुम किसी के क़ाबिल नहीं हो इसका मतलब ये नहीं की तुम काबिल नहीं हो।

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21- किस तरह करे ज़िन्दगी खुद को तेरे लायक हम, हम तरीके बदल लेते है तुम रिवाज बदल लेती हो।

22- तेरे कहने पे बिक जाऊं मैं तवायफ नहीं, तू हस्ती बहुत बड़ी है मैं तेरे लायक नहीं।

23- बदल लिया खुद को पर तेरे लायक भी ना हो सके, खुद को भी खो दिया और तेरे भी ना हो सके।

24- जान लो तो बेगुनाह हूँ मान लो तो क़ातिल भी हूँ, जान लो तो काबिल हूँ मैं मान लो तो नाक़ाबिल भी हूँ।

25- जो तेरे संग रहने के लायक ना रहे, हम किसी से कुछ कहने के लायक ना रहे।

26- तेरे लायक बनने की कोशिश में मैं खुद किसी लायक ना रहा।

27- लायक कौन नालायक कौन, ये ज़माने वाले बता सके इतने क़ाबिल नहीं है।

28- माना कि तेरे काबिल नहीं है हम, पर हम भी दिल में अरमान रखते है, तुम खुश रहना हर पल आज के दिन, ये इस प्यारी सुबह का पैगाम रखते है।

29- वो जो मुझे नालायक कहते हैं एक दिन ऐसा लाऊँगा की वो खुद कुछ कहने के ना लायक रहेंगे।

30- तुझे क्या मैंने ज़िन्दगी बना लिया, इस ज़िन्दगी ने मुझे जीने लायक नहीं छोड़ा।

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