SELF STUDY TIPS IN HINDI (Step By Step Guide)
स्वागत है आप सभी पाठकों का बुकमार्क स्टेटस एक और दिलचस्प लेख में दोस्तों आज का हमारा जो विषय है वह ख़ास विद्यार्थियों के लिए हैं क्यूंकि विद्यार्थी जीवन का एक बहुत ही मुख्या कर्त्तव्य पढ़ना है इसी कारण आज मैं उन सभी विद्यार्थियों के लिए Self Study In Hindi का एक बेहद दिलचस्प एवं ज्ञान से भरपूर लेख ले कर आया हूँ।
दोस्तों आज मैं आप सभी को स्व-अध्यन के विषय में पूरी जानकारी दूंगा साथ ही मैं आप सभी को 8 Self Study Tips भी दूंगा जिन्हे अपने जीवन में उतार कर आप भी एक बेहतरीन विद्यार्थी बन पाएंगे
चलिए दोस्तों बिना वक़्त गवाए शुरू करते हैं हम अपना लेख।
स्वाध्ययन क्या है (What Is Self-Studies)
Self Study दो अंग्रेजी शब्दों से मिलकर बना है Self का अर्थ खुद एवं Studies का अर्थ है पढ़ना अर्थात खुद पढ़ना एवं शुद्ध हिंदी में हम इसे स्व-अध्यन भी कहते हैं।
स्वाध्ययन अध्यन करने की वह विधि या तरीका है जिसके अंतर्गत एक विद्यार्थी कक्षा से बहार एवं बिना किसी शिक्षक (Teacher) के प्रत्यख (Direct) उपस्तिथि में अध्यन करता है।
इस अध्यन की विधि के अंतर्गत विद्यार्थी क्या अध्यन कर रहा है है एवं कैसे अध्यन कर रहा है इसका नियंत्रण स्वयं विद्यार्थी के हाथों में होता है। यह विधि बहुत आवश्यक एवं उपयोगी विधि है।
स्वाध्ययन क्यों आवश्यक है? (Why Self-Study Is Important)
स्वाध्ययन एक विद्यार्थी के जीवन में अतिआवश्यक है। स्व-अध्ययन का अर्थ केवल वह पढ़ना नहीं है जो विद्यालय या कक्षाओं में पढ़ाया जाता है अपितु स्व-अध्ययन इस कथन से अत्यधिक बड़ा विषय है।
स्व-अध्ययन के अंतर्गत वह विषय भी आते हैं जो मनुष्य के व्यक्तित्व का विकास करते है इसीलिए स्व-अध्ययन इसीलिए आवश्यक है क्यूंकि एक विद्यार्थी अपनी छिपी हुई खूबियों को वह इस दौरान ढूंढने में भी सफल हो जाता है।
स्व-अध्ययन हर विद्यार्थी के जीवन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पैहलू है इसीलिए इस विषय को नज़रअंदाज़ करना नासमझी से बढ़ कर और कुछ नहीं।
Tip #1- तुरंत शुरू कीजिए (Take Action Instantly)
तुरंत शुरू कीजिए क्या आप यही सोच रहे हैं की मैं क्या कह रहा हूँ? तो चलिए समझते हैं। आप जानते हैं की हम अपने कई कार्य तो इसीलिए नहीं कर पाते क्यूंकि हम उन्हें अक्सर कल पर टाल देते हैं।
दोस्तों यही कारण है की कई लोग बस सोचते है कार्य कर नहीं पाते क्यूंकि वह किसी भी कार्य को आज शुरू नहीं कर पाते।
अब इस का समाधान क्या है समाधान सीधा सा है जो कार्य करने की सोच राखी है उसे आज ही कर लीजिए परन्तु एक बात ध्यान रखिएगा मैं सिर्फ आप को अच्छे कार्य करने के लिए यह सलाह दे रहा हूँ।
आप जानते हैं की स्वाध्ययन आपके लिए केवल लाभदायक विकल्प है एवं इसके कोई हानिकारक प्रभाव नहीं है तो इसके बारे में यह सोच कर की आज नहीं मैं स्वाध्ययन कल से शुरू कर लूँगा तो यकीन मानिए आप शुरू ही नहीं कर पाएंगे।
Tip #2 स्वाध्ययन का सही वक़्त क्या है दिन, दिन अथवा रात ( )
यह एक सवाल का जवाब जो हर विद्यार्थी जानना चाहता है और वह यह है की पढ़ने का सही समय क्या है तो चलिए जान लेते हैं की सही वक़्त क्या है।
Oxford Learning के अनुसार पढ़ने का सही वक़्त क्या है यह इस बात पर आधारित है आप क्या पढ़ना चाहते हैं। क्या आप इस वाकया को समझ पाए? नहीं। चलिए इसे विस्तार से समझते हैं
क्या हम सुबह पढ़ें? एवं पढ़ें तो क्या पढ़ें?
Oxford Learning के अनुसार अगर आप कुछ नया (अर्थात ऐसा कुछ जो आपने आज से पहले नहीं पढ़ा या फिर याद किया) करना चाहते हैं तो इस स्तिथि में सबसे विकल्प सुबह का समय है।
क्यूंकि कुछ भी नया समझने या पढ़ने के लिए मानसिक एवं शारीरिक शान्ति का होना अति आवश्यक है और क्यूंकि आप एक अच्छी नींद लेकर सुबह उठे हैं तो आप का शरीर एवं मन दोनों शांत एवं ऊर्र्जात्मक अवस्था में हैं।
इसी कारण यह समय कुछ नया पढ़ने सीखने एवं उसे याद करने के लिए सबसे उत्तम समय है।
क्या हम दिन में पढ़ें? एवं पढ़ें तो क्या पढ़ें?
अध्यन के अनुसार दिन में अध्यन करने के लिए वह वषय चयनित करें जिसे आप पढ़ चुके है इसके पीछे यही कारण है की आप अगर अपना आधा दिन व्यतीत कर चुके हैं तो आप शारीरिक एवं मानसिक तौर से थोड़ा थक चुके हैं।
यह समय अगर आप कुछ नया पढ़ने की कोशिश करेंगे तो आप पढाई पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित नहीं कर पाएंगे और इसी कारण आप उसे याद भी नहीं कर पाएंगे आशा करता हूँ आप मेरी बात समझ पा रहे हैं।
क्या हम रात्रि में पढ़ें? एवं पढ़ें तो क्या पढ़ें ?
रात का समय- अध्यन के अनुसार रात का समय पढ़ने के लिए अनुकूल नहीं है और मुख्यतर देर रात का समय इसका कारण सीधा सा है आप अपना पूरा दिन व्यतीत कर चुके हैं और आपका शरीर एवं दिमाग दोनों ही पूरी तरह से थक चुके हैं।
अब वह आप से आराम की मांग कर रहे हैं अब अगर आप पढ़ने की कोशिश करते हैं तो आप को अत्यधिक निंद्रा आएगी और आप का ध्यान बिलकुल भी पढाई में नहीं लग पाएगा तो इस वक़्त बेहतर यही है की आप जल्दी सो जाएं एवं सुबह जल्दी उठ जाए।
NOTE– परन्तु ध्यान रहे अगर कोई आपात कालीन स्तिथि है जैसे की मान लीजिए आपका कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है या फिर आपकी परीक्षा का समय अगली सुबह है और आप अभी तक सब कुछ नहीं पढ़ पाएं है तो आप रात्रि का इस्तेमाल कर सकते हैं क्यूंकि यह एक आपात कालीन स्तिथि है।
Tip #3 दिनचर्या बनाएं एवं सख्ती से पालन करें (Make A Timetable And Follow It Strictly)
अब जब हमने स्व-अध्ययन करने की शुरुवात कर ली है और हम यह जान चुके हैं की हमे स्व-अध्ययन कब करना है तो अब हमे यह भी जान लेना चाहिए की इस प्रक्रिया को और अत्यधिक सफल कैसे बनाएं तो चलिए अब अपने दिनचर्या का निर्माण करते हैं।
दिनचर्या अर्थात हम अपने पूरे दिन में क्या क्या कार्य करेंगे कितनी देर करेंगे अथवा दिन के किस किस समय पर करेंगे।
जब आप अपने इन तीनो प्रश्नों का हल जान ले तो इन्हे एक पत्र पर लिख लें एवं उस कागज़ को बिलकुल वहां लगाएं जहाँ बैठ कर आप पढ़ते हैं।
ऐसा करने से आप न सिर्फ अपने दिन को व्यवस्तिथ कर लेंगे अपितु स्व-अध्ययन भी सही ढंग से कर पाएंगे।
Tip #4 ध्यान भटकने वाली वस्तुओं से दूर रहे (Stay Away From Distractions)
अब जब हमने एक व्यवस्तिथ स्व-अध्ययन प्रणाली बना ली है अब हमे पता है की हमे कब कैसे क्या और कितनी देर तक पढ़ना है परन्तु फिर भी एक विघ्न अभी भी मौजूद है और वह है ध्यान का भटक जाना।
हर व्यक्ति की अपनी कोई शक्ति और अपनी कमज़ोरियाँ होती है परन्तु इन सभी चीज़ों से पार पाया जा सकता है कैसे ? आइए विस्तार से चच्चा करते हैं।
क्या आपके साथ भी यह होता है की जैसे ही आप पढ़ने लगते हैं आपका ध्यान T.V, स्मार्ट फ़ोन, सोशल मीडिया और ना जाने कितनी चीज़ों की तरफ ध्यान जाने लगता है।
यही कारण है की हम पढ़ना छोड़ कर अपना ध्यान कहीं और केंद्रित कर लेते हैं यह जान कर भी की पढाई हमारे लिए आवश्यक है।
सिमिलर वेब के एक अध्यन के अनुसार हर व्यक्ति सोशल मीडिया पर रोज़ 58 मिनट से अधिक समय जाया कर देता है तो बात सीधी सी है अगर आप को एक बेहतर फलदायक स्व-अध्यन करना है तो खुद को ध्यान को भटकने से रोकना होगा।
Tip #5 रोज नोट्स बनाएं (Make Daily Notes)
ज़ाहिर है आप रोज़ पढ़ेंगे तो ज़्यादा पढ़ सकेंगे परन्तु उस पढाई का कोई भी फ़ायदा नहीं जिसे आप बस पढ़ते चले गए पर उनसे सीखी ज़रूरी बातें आप Note ही नहीं कर पाए।
अब क्यूंकि आप इंसान हैं और आप भी भूल सकते हैं तो आप को यह कार्य ज़रूर करना है की जो आप पढ़ रहे हैं उनके मुख्या Points लिख ले।
इस से आपको फायदा यह होगा की आप को यह याद भी हो जाएगा और अगले दिन जब आप पढ़ना शुरू करेंगे तो आप एक बार जल्दी से यह देख पाएंगे की कल मैंने कहाँ तक पढ़ा था और आज मुझे अब कहाँ से पढ़ना है।
Tip #6 स्व-अध्यन के दौरान हर नियमित काल पर कुछ देर का विश्राम करें (Take A Break On Every Regular Period During Self-Studies)
जैसे की अब तक हम अध्यन के अनुसार (According To The Studies) ही Tips Follow करते जा रहे हैं अभी अभी हम इसी के चलते बात करेंगे।
हमें स्व-अध्यन के अनुसार अगली बात जिस पर बहुत ध्यान देना है वह यह है की हमे लगातार बहुत देर तक नहीं पढ़ते रहना है तो
अब सवाल यह आता है की हमे कितनी देर बाद एवं कितनी देर का विराम लगाना है? तो चलिए इसे भी समझ लेते हैं।
सभी अध्ध्यनों के अनुसार यह सही माना गया है की हमे थोड़ी देर पढ़ने के पश्च्यात थोड़ी देर का विराम लेना चाहिए और सभी अध्यन हमे यह बताते हैं की लगातार बहुत देर पढ़ना हमारे मस्तिष्क को थका देता है
हम फिर इसके बाद बहुत ज्यादा ध्यान लगा कर पढ़ नहीं पाते इसीलिए यह आवश्यक है की हम पढाई करें परन्तु बीच-बीच में थोड़ा आराम भी कर लें ताकि हमारा मस्तिष्क थके न और हमारी पढ़ने की दिलचस्पी बानी रहे।
अध्यन के अनुसार हमे प्रति एक घंटे अध्यन करने के पश्च्यात दस मिनट का विराम लेना चाहिए
प्रत्येक दो या फिर ढाई घंटे तक लगातार प्पढने के पश्च्यात आधे घंटे का विराम लेना चाहिए। आशा करता हूँ आप मेरी हर बात को समझ पा रहे हैं।
विराम के दौरान मस्तिष्क के तनाव को दूर करने के लिए क्या करें?
अब क्यूंकि आप अभी तक पढ़ रहे थे और आप अब तनाव को दूर करने चाहते है तो ध्यान रखिएगा कोई ऐसा कार्य कीजिएगा जिस से आप का मस्तिष्क और शारीरिक तनाव दूर हो जाए।
दोस्तों यह एक क्षेत्र जहाँ पर अत्यधिक विधार्थी गलती करते हैं वह इस वक़्त को सोशल मीडिया एवं स्मार्ट फोन अन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करते हैं जिस से उनका ध्यान और विचलित हो जाता है।
कई सारी रिपोर्ट्स आई है जिसमे यह विज्ञानं ने भी माना है की स्मार्टफोन तनाव का कारण है तो यह सही नहीं है की तनाव दूर करने के लिए तनाव के नज़दीक जाया जाए अर्थात तनाव दूर करने के लिए स्मार्ट फ़ोन का प्रयोग कृपया न करें।
अब सवाल यह आता है की फिर तनाव से बचने के लिए क्या करें? तनाव से बचने के कुछ उपाए निम्नलिखित हैं-
ध्यान कीजिए (Do Meditation)
हर एक घंटा अध्यन करने के पश्च्यात पांच मिनट ध्यान करने से न सिर्फ आपका मन शांत होगा एवं स्थिरता भी आएगी एवं ध्यान से एक और लाभ यह होगा की आप का मानसिक तनाव ख़त्म हो जाएगा और ताज़गी आ जाएगी।
व्यायाम कीजिए (Do Exercise)
लगातार एक जगह बैठ कर पढ़ने से शारीरिक तनाव भी आ जाता है और जब आपका शरीर तनाव से भर जाता है तो इसी कारण विद्यार्थियों को नींद आने लग जाती है इसीलिए ध्यान करने के बाद पांच मिनट व्यायाम को दें।
आप व्यायाम के अंतर्गत सूर्य नमस्कार कर सकते हैं जिस से आपको शारीरिक तनाव से मुक्ति मिलेगी और आप फिर से पढ़ंव क्व लिए तैयार हो पाएंगे।
संगीत सुनिए (Listen Music)
अगर आप इतना थक चुके हैं की आप को नींद आ रही है तो आप संगीत सुन सकते हैं लेकिन संगीत भी आप को वह सुन्ना है जो आप को जगा दे हो सकता है उसके मोटिवेशनल Lyrics आप को तरोताज़ा कर दें।
Tip #7 जिन सवालों में संदेह आए उन्हें लिख लें (Note Down Your Doubts)
अब जब आप बहुत आराम भी कर चुके हैं और अब आप पढ़ने के लिए फिर से तैयार हैं तो क्यूंकि आप खुद पढ़ रहे है और इसीलिए इसे स्व-अध्यन कहते हैं।
ज़ाहिर है आप को ज़रूर कुछ सवाल कथन या फिर अन्य बाकी चीज़ों में कुछ न कुछ ऐसा होगा जो समझ नहीं आया होगा।
इन्हे ज़रूर ध्यान में रख लें इन्हे एक जगह पर लिख लें ताकि जब भी आप अपने शिक्षक से मिलें तो उन से इन सवालों का हल निकल लें इस से आप सभी को दो लाभ मिलेंगे एक आप उन सवालों के हल पा लेंगे।
दूसरा आपके शिक्षक भी आप से खुश हो जाएंगे क्यूंकि एक शिक्षक अपने शिष्य से यही चाहता है की मेरा शिष्य पढ़े और मुझसे अत्यधिक सवाल पूछें। आशा है आप मेरी बातों को समझ पा रहे हैं।
Tip #8 आज जो भी पढ़ा उसमे से आप को कितना आया उसकी परीक्षा लें (Take Your Test Daily)
अब जब आप अपनी दिनचर्या के अनुसार पढ़ चुके हैं तो अब आप इस आखिरी कार्य को कर अपनी आज का स्व-अध्यन (Self-Studies) पर कल तक के लिए विराम लगा सकते हैं और वह कार्य है अपनी परीक्षा लेना ध्यान रहे यह कार्य आप को रोज़ अंत में करना ही है।
जो भी आपने पढ़ा जितने भी सवाल आप ने आज हल किए उन सभी प्रश्नो का एक प्रश्न पत्र बनाएं एवं उन प्रश्नों को बिना देखे हल करें इस से आज जो कुछ भी आपने पढ़ा है आप को अच्छी तरह से याद हो जाएगा ।
आप कुछ भी भूलेंगे नहीं और अगर किसी कारण वश भूल भी गए तब भी चिंता की बात नहीं क्यूंकि आपके पास नोट्स तो मौजूद ही है। याद रहे जिन सवालों का आप जवाब न दे सकें उन्हें अंत में एक बार दोबारा याफ कर लें और उसे एक बार लिख कर देख लें।
स्व-अध्यन के लाभ (Benefits Of Self Studies)
सीखने की इच्छा शक्ति का बढ़ना– जब एक विद्यार्थी खुद पढ़ना सीखता है तो वह अकेले ही प्रयास करना सीख जाता है और जब वह अकेले ही सीखना शुरू कर देता है तो विद्यार्थी के भीतर और सीखने की इच्छा जाग्रत होती है।
जब विद्यार्थी सीखना शुरू कर देता है तो समझ लीजिए वह अब समझदार हो गया है और सफलता अब ज्यादा दूर नहीं।
एकाग्रता का बढ़ना- एक विद्यार्थी का मन चंचल होता है एवं वह किसी एक कार्य को बहुत देर तक टिक-कर नहीं कर पाता परन्तु स्व-अध्यन (Self-Studies) उसकी चंचलता के विपरीत उसे परिपक़्वता सिखाता है।
विद्यार्थी की एकाग्रता बढ़ जाती है एवं वह चंचलता को काम कर देता है।
परीक्षा में बेहतर परिणाम– जब एक विद्यार्थी अत्यधिक खुद पढ़ कर समझने लगता है तो वह रटना छोड़ कर समझना शुरू कर देता है और जैसे ही वह इस रास्ते पर चलने लगता है उसके अंक कक्षा में बढ़ने लगते हैं।
हालांकि अंक जीवन का निस्चय नहीं करता परन्तु फिर भी यह सूचकांक है की एक विद्यार्थी अपने जीवन में सफलता के लिए कितने उत्सुक है।
मानसिक क्षमता का बढ़ना– मानसिक क्षमता तभी बढ़ती है जब कोई भी व्यक्ति खुद ज़िम्मेदारियाँ उठाने का सहस रखे जब विद्यार्थी स्व-अध्यन करता है तब वह सब कुछ खुद सोच समझ कर करता है एवं किसी की सहायता नहीं लेता इस से उसका मानसिक विकास बाकी बच्चों के मुक़ाबले अधिक होता है।