50 Best Had Se Jyada Pyar Shayari
1- किसी से ज्यादा मोहोब्बत हो जाए तो ज्यादा खुश मत होना, किसी और के अंदर जान बसा लेने का मतलब ही है अपनी जान का दुश्मन होना।
2- अब पहले सी बात नहीं रही ज़माना खराब है, किसी को हद से ज्यादा चाहना खराब है।
3- लौटा हूँ दर-बदर ठोकरों की मार खाकर, हासिल यही हुआ मुझे तेरी मोहोब्बत में हद से बहार जाकर।
4- बहार नहीं जाय जा सकता जिस तरह घर में रह कर, मोहोब्बत भी नहीं की जा सकती उसी तरह हद में रह कर।
5- चाहने लगे जब उसे जान से भी ज्यादा, उसने रुला दिया कह कर की हद में रहा करो।
6- सब से ज्यादा रब से ज्यादा, चाहते है हम तुझे हद से ज्यादा।
7- हद तो देखो मोहोब्बत की हमारी, ज़माना दुश्मन हमारा था पर हमे फ़िक्र तुम्हारी थी।
8- तेरी तलब की हद ने ऐसा जूनून बक्शा है, हम नींद से उठ जाते हैं तुझे ख़्वाब में तनहा देख कर।
9- क्या सवाल करूँ तुझसे सब कुछ लाजवाब मिला, मोहोब्बत भी बेहिसाब मिली दर्द भी बेहिसाब मिला।
10- बढ़ जाएंगे आगे मोहोब्बत की हदें पार कर, तेरा हर ख़्वाब पूरा करेंगे खुद की हसरतें मार कर।
11- काश तुम कभी हमारे होते ही नहीं, अगर मोहोब्बत में हद से बहार जाते ही नहीं तो इस ज़ालिम ज़माने में खोते ही नहीं।
12- मोहोब्बत कितनी है उसकी हद मत पूछना, बस इतना समझ लो खुद को खो देंगे तुम्हे पाने के लिए।
13- क़दम नहीं बढ़ाएंगे तो आगे कैसे जाएंगे, हद से बहार नहीं जाएंगे तो तुम्हे बेहद कैसे चाहेंगे।
14- तेरी चाहत में बेइन्तेहाँ हो गई, तुझे चाहकर ज़िन्दगी यहाँ से वहां हो गई।
15- सुबह शाम हर वक़्त चाहा है, तुम्हे जब चाहा है बेहद चाहा है।
16- खुशियों की महफ़िल में बैठे रहते है गुमसुम से, तुम समझती ही नहीं बेहद प्यार करते हैं हम तुम से।
17- लगे रहे तुम मेरी मोहोब्बत आज़माने में, हम भी हद से गुज़र गए तुम्हे चाहने में।
18- तुम्हारी चाहत में इस हद तक गुज़र गए की आज ये ज़माना हमे गया गुज़रा कहता है।
19- शायरी और दुःख भरी नज़्म ही मिला, तुझे चाहकर हमे सिर्फ ज़ख्म ही मिला।
20- मोहोब्बत की अदालत में मुज़रिम हो जाऊं तो गवाह हो जाना, दर्द अगर हद से गुज़रे तो दवा हो जाना।
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21- निकले थे चाहने क़फ़न बाँध कर, तुझे पाया है हमने हद की हर लकीर लांघ कर।
22- वो हमे दुश्मन हम उन्हें जान मानते हैं, हमने बेहिसाब चाहा उन्हें वो हमसे मोहोब्बत का हिसाब मांगते हैं।
23- जाने क्यों वो मोहोब्बत कम्बख्त करता है, जो इश्क़ कम और बेइन्तेहाँ शक हर वक़्त करता है।
24- वो हमारे सिवाय सब चाहते हैं, हम सिर्फ उन्हें चाहते हैं और बेहद चाहते हैं।
25- क्या मिला तुम्हे बेहद चाहकर भी, ये खाली दिल वो भी पूरा टूटा हुआ।
26- बेपरवाह हो जाते है वो लोग , जिन्हे कोई हद से ज्यादा प्यार करने लगता है।
27- ना आंसू की सीमा रही ना मोहोब्बत की हद हुई, ना तू मेरा हुआ, ना मैं मेरी खुद हुई।
28- ना कर ज़िद अपनी हद में रह ऐ दिल, वो बड़े लोग है अपनी मर्ज़ी से बात करते हैं।
29- तुझे अपनी जान से ज्यादा चाहकर, पछता रहा हूँ चादर से ज्यादा पैरों को फैला कर।
30- तुम्हे दिल के अंदर रख मैंने खुद को बहार किया है, हद को पार कर के मैंने तुमसे प्यार किया है।
had se jyada pyar karne wali shayari
1- खुदा पूछ ले जो रजा एक शब्द में कहूंगा तू।
2- तू जान है मेरी सनम अगर तू चली जाएगी तो मेरी जान चली जाएगी।
3- दूकान मांग ले मकान मांग ले, तुझसे ही मोहोब्बत करेंगे तू जान मांग ले जुबां मांग ले।
4- जिस तरह नशा खराब होता है लत से ज्यादा, उसी तरह मोहोब्बत भी खराब होती है हद से ज्यादा।
5- तेरी मोहोब्बत में पार कर गए हर सरहद को हम, अब जो लौट रहे हैं वापस तो अपने ही हमे अनजान समझ रहे हैं।
6- अजीब इत्तेफ़ाक़ है ज़िन्दगी का, जिसे बेपनाह चाहो वो बेवफा निकलता है।
7- दिल सीख ले जो हद में रहने का हुनर नाजाने कितनी आँखें भीगने से बच जाएगी।
8- आ गया था जब उसके हद से ज्यादा क़रीब मैं, उसने धमका कर कहा थोड़ा दूर रहा करो।
9- मोहोब्बत में हद से गुजरने से तो हादसे में गुज़र जाना बेहतर है।
10- अब इससे बुरा भी क्या होगा की हमने जिसकी परवाह जान से भी ज्यादा की थी, उसे हमारी जान की परवाह ही नहीं है।
11- रहना मोहोब्बत में कोई बुरी बात नहीं है बस ध्यान होना चाहिए की जहाँ भी रहे हद में रहे।
12- किसी को जान से ज्यादा चाहने से पहले जान लेना चाहिए, किसी को ज़िन्दगी मानने से पहले उससे जुबां लेनी चाहिए।
13- हद पार कर दी थी जिसे चाहने में मैंने उससे पूछो क्या निकल पाया वो मेरे लिए घर से भी कभी।
14- मोहोब्बत वही होती है जो बेहद होती है जो हद में रहकर किया जाए उसे समझौता कहते हैं।
15- बेजान थी जिन्दागी तेरे आने से पहले, की जब से तू आई है जान में जान आई है।
16- कितनी को इस क़दर भी फिर जान मत बना लेना की फिर जान पर बन आए।
17- थोड़ा तैरना भी ज़रूरी है थोड़ा बहना भी ज़रूरी है, थोड़ी हद पार करना भी ज़रूरी है थोड़ा हद में रहना भी ज़रूरी है।
18- दिल बेकाबू ना होता जो तो हाल ना होता जो हुआ है मेरा।
19- चाहत में तेरी हद पार कर गया मैं, खुद को हराने की खातिर खुद से ही लड़ गया मैं।
20- दोनों ने ही हदें पार की थी मैं उसकी चाहत में बेपरवाह था और वो मेरी चाहत को लेकर बेपरवाह था।