1- कल रात मैंने एक हसीं ख्वाब देखा, उस ख्वाब में मैंने आपका मुस्कुराता हुआ चेहरा देखा।
2- वो इंसान ख्वाब देखने के लायक नहीं होता, जो ख्वाबो को पूरा करने का हौसला नहीं रखता।
3- जिंदगी में कुछ ख्वाब ऐसे भी होते है, जिसे चाहकर भी हम पूरा नहीं कर पाते है।
4- मेरी जिंदगी का हर ख्वाब का सच हो जायेगा, अगर आप जैसा हमसफ़र मुझे मिल जायेगा।
5- जो लोग बड़े ख्वाब देखना पसंद नहीं करते, असल में वह बड़ी मेहनत करना पसंद नहीं करते।
6- जिस दिन आपसे मेरी मुलाकात हुई थी, उसी दिन से मेरी जिंदगी में हसीन ख्वाब आने की शुरुवात हुई थी।
7- हम वो शख्स है जनाब, जो ख्वाबो में भी अपनों के ख़ुशी के आंशू पौछते है।
8- ख्वाब बड़े देखने से कुछ नहीं होगा मेरे दोस्त, अगर करना हैं अपनी जिंदगी में कुछ , तो ख्वाबो के साथ-साथ इरादे भी बड़े रखने होंगे।
9- अपने हर ख्वाब में तुझे मैं तलाशे जा रहा हूँ, पर ना जाने क्यों मेरी तलाश पूरी ही नहीं हो रही।
10- जब से जिमेदारियों का बोझ मेरे जिम्मे आया है, तब से अपने किसी भी ख्वाब को पूरा करने का इरादा मेरे मन में नहीं आया है।
11- पहले एक वक्त था जब हम सिर्फ तेरे ही ख्वाब देखा करते थे, और अब एक आज का वक्त है जब हम तुझे अपने ख्वाबो से भुलाने की कोशिश कर रहे है।
12- ना जाने क्यों ये मेरा दिल सिर्फ तेरे ही ख्वाब देखना पसंद करता है, ना जाने क्यों मुझे तेरी फ़िक्र करना सबसे अच्छा लगता है।
13- आज भी कई लोग ख्वाब देखते तो बड़ी शान से है, पर अफ़सोस मेहनत करने का इरादा नहीं पालते है।
14- जिनके ख्वाब देख्नते थे हम रातो में, आज उन्ही को भुलाने की कोशिश करते रहते हैं हम रातो में।
15- हर वक्त मुझे बस एक ही ख्वाब सताता रहता हैं, कही आप मुझसे दूर ना हो जाये बस यही डर लगा रहता है।
16- ख़्वाब आँखों से गए,नींद रातों से गई वो गया तो ऐसे लगा,ज़िंदगी हाँथो से गई।
17- तेरी आँखों में कई ख़्वाब छोड़ आए हैं, हर इक सवाल का जवाब छोड़ आए है।
18- किस अजब साअत-ए-नायाब में आया हुआ हूँ, तुझ से मिलने मैं तिरे ख़्वाब में आया हुआ हूँ।
19- खुदा का शुक्र है कि उसने ख्वाब बना दिये, वरना तुम्हें देखने की हसरत रह ही जाती।
20- वो जो मुमकिन न हो मुमकिन ये बना देता है, ख़्वाब दरिया के किनारों को मिला देता है।
21- ज़ख्म क्या उभरे हमारे दिल में उनके तीर के गुल खिले गोया कि ख़्वाब-ए-इश्क़ की ताबीर के।
22- मुझे मौत से डरा मत, कई बार मर चुका हूँ किसी मौत से नहीं कम कोई ख़्वाब टूट जाना।
23- मरीज़-ए-ख़्वाब को तो अब शिफ़ा है, मगर दुनिया बड़ी कड़वी दवा थी।
24- मैं खुद ही ख़्वाब-ए-इश्क़ की ताबीर हो गया, गोया हर इक बशर तेरी तस्वीर हो गया।
25- रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को, मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी। – जलील मानिकपुरी
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