
1- कुछ भी कहो लेकिन इस बात में कुछ तो दम है की किसी के लिए कितना भी करो कम है।

2- हमने अपना दिल, ज़िन्दगी, रूह सब उनके नाम कर दिया पर दुःख तो तब हुआ जब उन्होंने कहा ऐसा भी क्या काम कर दिया।

3- इस प्यार के खेल में वो हमारे लिए वो जान से भी ज्यादा थे पर हम उनके लिए बस एक प्यादे थे।

4- अगर जान लेते की वो एक दिन हमे यूँ पराया कर देंगे तो सच कहते हैं जनाब उन्हें हम अपना बनाते ही नहीं।

5- किसी के लिए कितना भी भला करो कम पड़ ही जाता है वो तुम्हे पीछे अकेला छोड़ आगे बढ़ ही जाता है।

6- आज का ज़माना ऐसा ही है साहब जिसे दिल से दुआ दो वही तुम्हे जुबां से गाली देगा।

7- अब फिर से किसी को दिल देकर आज़माना नहीं है हम एक दफा देकर समझ चुके हैं भलाई का ज़माना नहीं है।

8- ये गले लगा कर जो झूठी जुबां से कहते हैं की प्यार करते है, तुम्हारे मुड़ते ही ये पीठ पर वार करते हैं।

9- ये दुनिया किसी काम की हो ना हो पर तुम्हे नीचा दिखने में और तुम्हारा फायदा उठाने का काम ये बखूबी करते हैं।

10- जिसे सर पर बैठाओ वो नाक में दम कर ही जाता है, किसी के लिए कितना भी करो कम पड़ ही जाता है।

11- ना जाने ऐसा ही क्यों होता है की जिससे भी हम प्यार करते है वही हमारा इस्तेमाल करते हैं।

12- लोग उसी दिन तक तुमसे मिलने आएँगे जब तक तुम उनके काम आ रहे हो।

13- हम उन्हें कभी भुला नहीं पाते पर वो हमे तभी याद करते हैं जब उन्हें हमसे कोई काम होता है।

14- रिश्ते नहीं रोज़गारी कहिए हर कोई अपना काम निकलवाता ही रहता है।

15- किसी के लिए कितना भी कर लो अंत में वो यही कहकर छोड़ देगा की आखिर तुमने मेरे लिए किया ही क्या है।
16- कुछ ऐसे ही रास्तों से गुज़रे है हम जहाँ कहने को तो अपने बहुत है पर हमे अपना कहने वाला कोई भी नहीं है।
17- एक तो ये बुरा वक़्त कट नहीं रहा ऊपर से ये बुरा वक़्त काटने के लिए दौड़ रहा है।
18- ऐसे हालातों में ज़िन्दगी जी रहे हैं की जो हमे पल-पल याद आ रहा है उसे हम एक पल भी याद नहीं आ रहे हैं।
19- उम्र बीत जाती है एक बाप की मुश्किल में अपने बेटे के लिए और आखिर में बेटा बड़ी आसानी से कह देता है की आखिर आपने मेरे लिए किया ही क्या है।

20- ऐसा नहीं की हमने ही उन्हें अपना सब दिया है उन्होंने भी हमे ये कभी ना ख़त्म होने वाला दर्द दिया है।
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21- बात साफ़ है इस ज़माने के गंदे खेल में सब कुछ माफ़ है।
22- दिल लाखों दर्द में बैठे हैं फिर भी ना जाने क्यों अभी भी लाखों की तादाद इस दर्द को पाने को खड़ी है।
23- बेफिज़ूल ही हमने उसके लिए इतना कुछ किया जो हमे कुछ भी नहीं समझता था।
24- खुशिया कम है गम काफी है फिर भी ज़िंदा है क्यूंकि दम काफी है।

25- जिस पर दिल कुर्बान था उसने ही ये दिन दिखा दिया, हमे लगता था वो हमारा है पर उसने किसी और का होकर हमे सबक सीखा दिया।
26- अजीब दास्ताँ है हमारी ज़िन्दगी की जिन्हे भी हम अपना होने का मौका देते हैं हमे वही धोका दे कर चौंका देते हैं।
27- उनके आगे झुक जाना हमारी सबसे बड़ी गलती थी वो आज हमे रौंद कर आगे बढ़ गए हैं।
28- बड़ा बेदर्द है ये ज़माना नफरत उसी को देता है जो यहाँ प्यार लुटाए फिरता है।
29- प्यार के बदले में यहाँ लोग गम चुकाते है जो दिल से प्यार करते है उन्ही का ज्यादा लोग दिल दुखाते हैं।

30- हमे तो पहले से पता था की तुम बेवफा हो पर हम फिर भी तुम्हे प्यार कर रहे थे, तुम बदल जाओगे सच्ची मोहोब्बत देखकर बस इसी खातिर हम इंतज़ार कर रहे थे।
31- तेरे बाद हम किसी के ना हो पाएंगे ना हस पाएंगे अकेले में ना किसी के सामने रो पाएंगे।
32- अगर दुनिया के लिए यही वफ़ा थी तो ये वफाई की गलती बस आखिरी दफा थी।
33- अब हमे चाहने की शर्तें साफ़ है या तो हमे चाहना मत, या यूँ बार-बार हमे यूँ आज़माना मत।
34- सांप तो यूँ ही बदनाम है सबसे ज्यादा एहसान फरामोश तो इंसान होते हैं।

35- यहाँ लोग रिश्ते इसलिए नहीं बनाते की याद आ सके बल्कि इसलिए बनाते हैं की ये कल को मेरे काम आ सके।
36- मुझे हर कोई अपना दिखता है पर मेरी तरफ कोई तभी देखता है जब उसे मुझमे कोई फायदा दिखता है।
37- एक शिकायत है खुदा तुझसे और शिककायत ये नहीं की तूने लोग क्यों बनाए शिकायत ये हैं की इतने मतलब क्यों बनाए।
38- अब किसी को नज़दीक नहीं आने देता सबको दूर ही रहने देता हूँ, वो मेरे बारे में कुछ भी कहे चुपचाप सुन लेता हूँ कहने देता हूँ।
39- तेरे बाद ना अब मेरे पास तेरा शोर होगा ना कोई और होगा।

40- हंसी आती है मुझे तेरे उन झूठे वादों पर और रोना आता है मुझे इस टूटे दिल पर।
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41- ज़रा संभल कर चलना इन दुनिया के टेढ़े मेढ़े रास्तों पर साहब अगर गिर गए तो लोग तुम्हे तो नहीं पर तुम्हारा फायदा उठा लेंगे।
42- मामले आएं है कई दिल दहला देने वाले, कई पराए मिले अपनों के भेष में खुद को अपने कहला देने वाले।
43- यहाँ लोग बात करने के लिए नहीं रोकते, सब इसलिए रोकते हैं ताकि वो आपकी औकाद जान सकें।
44- कुछ कहने की ज़रुरत नहीं मैं जानता हूँ तुम किसी काम से ही आए होंगे।

45- यहाँ सब पराए हैं कोई अपना नहीं यही सच है ये कोई सपना नहीं।
46- अब मैं सबसे दूरी बनाए रखता हूँ जिसे मेरी ज़रुरत होती है वो खुद मेरे क़रीब आ जाता है।
47- नसीब इतना बुरा हैं की हर किसी के लिए सब कुछ भी करता हूँ फिर भी वो आखिर में मुझे तूने मेरे लिए किया ही क्या हैं कहकर छोड़ देता हैं।
48- किसी के आगे इतना भी मत झुक जाना की लोग तुम्हे गिरा हुआ समझ लें।
49- चेहरे सबके अलग पर किरदार सभी का एक मतलबी किरदार।
50- तुमसे क्या गलती हो गई थी सब याद रखते हैं पर तुमने उनके लिए क्या क्या किया सब भूल जाते हैं।
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