Best Teacher Quotes in Hindi

Best Teacher Quotes in Hindi – (अध्यापक समाज का आधार)

Best Teacher Quotes in Hindi

एक अध्यापक का किरदार बहुत ही कठिन होता है वह अपने हर छात्र से प्रेम का भाव रखता है फिर भी वह सभी के साथ कठोर व्यवहार करता है ताकि वह अपने जीवन में कामियाब हो सके। दोस्तों एक अध्यापक कितना महान होता है इसी का विश्लेषण हमने इन Teacher Quotes in Hindi में किया है आशा है आप को यह हिंदी कोट्स पसंद आएँगे।

1- सफलता का श्रेय उस व्यक्ति को उतना नहीं जाता जो सफल हुआ है, अपितु उसके अध्यापक को जाता है जिसने उसे जीतना सिखाया है।

2- अध्यापक की डांट से आज तक किसी व्यक्ति का बुरा नहीं हुआ है।

3- शिक्षक श्रेष्ठ है क्यूंकि सफलता के द्वार तक किसी भी व्यक्ति को वह खुद ले जाता है, परन्तु उस सफल व्यक्ति की सफलता में उसका नाम कभी नहीं आता।

4- किसी व्यक्ति की सफलता के पीछे एक स्त्री का हाथ बाद में होता है, अपितु पहले एक शिक्षक का हाथ होता है।

5- अगर इस सृष्टि में महान अध्यापक नहीं होते तो, इस सृष्टि में सफल व्यक्ति भी ही नहीं होते।

6- एक शिक्षक का किरदार इतना महान होता है, की वह अपने शिष्य की सफलता को देख कर खुद को सफल समझ लेता है।

7- जब सारी दुनिया को आपकी कामियाबी से इर्षा और द्वेष होगा, उसी समय एक शिक्षक को आपकी कामियाबी से केवल गर्व महसूस होगा।

8- सफल होने के बाद सम्पूर्ण विश्व आपकी प्रशंशा करता है, परन्तु एक शिष्य के लिए उसकी सबसे बड़ी प्रशंशा उसके अध्यापक का पीठ थपथपाना होती है।

9- एक अध्यापक का किरदार निभाना एक पिता से भी मुश्किल है, क्यूंकि पिता के सर पर केवल एक संतान का भार होता है वहीँ एक अध्यापक के सर पर कई पीढ़ियों को आगे बढ़ने का भार होता है।

10- शिक्षक के सामान किसी का प्रेम नहीं है, उसके लिए हर शिष्य सामान है।

11- एक शिक्षक अपने शिष्य को भले ही कितना बुरा कहले, परन्तु वह हमेशा अपने शिष्य का भला ही चाहता है।

12- शिक्षक शिष्य को पाल-पोस कर तो बड़ा नहीं करता, पर हर शिष्य को समाज में बड़ा एक शिक्षक ही करता है।

13- तेज़ मष्तिष्क एवं बलशाली शरीर का कोई मोल नहीं ,है जब तक उन्हें संवारने के लिए एक अध्यापक नहीं है।

14- एक श्रेष्ठ अध्यापक वह है, जो अपने छात्र को केवल किताब के बारे में नहीं अपितु जीवन के बारे में भी पढ़ाए।

15- एक व्यक्ति का सबसे बड़ा अध्यापक उसका जीवन स्वयं होता है।

16- अगर अध्यापक अपना कर्त्तव्य निभाना छोड़ दे तो यह समाज चलना छोड़ देगा।

17- एक सुदृढ़ समाज का निर्माण पुस्तकों के अध्ध्याय नहीं, अपितु उन्हें पढ़ाने वाला अध्यापक करता है।

18- एक शिष्य चाहे जितना भी धनी हो जाए वह अपने माता-पिता एवं गुरु का ऋणी रहेगा।

19- जिस प्रकार शिशु को जन्म देने का श्रेय माता-पिता को जाता है, उसी प्रकार एक अच्छे व्यक्तित्व को जन्म देने का श्रेय अध्यापक को जाता है।

20- संस्कार शब्द एक शब्द मात्र रह जाता, अगर समाज में कोई शिक्षक ना जन्मा होता।

21- गुरु का मान हर शिष्य को करना चाहिए, क्यूंकि गुरु की वजह से ही एक शिष्य को समाज में उसकी पहचान मिल पाती है।

22- माता-पिता शिशु को उसका नाम देते हैं, परन्तु अध्यापक शिशु को उसकी पहचान देते हैं।

23- अध्यापक ही ज्ञान का बीज एक शिष्य के मष्तिष्क में बोते हैं जो सदैव बढ़ता ही रहता है।

24- एक शिक्षक के बिना शिक्षा का कोई मोल नहीं है।

25- विद्यालय अगर एक मंदिर है, तो अध्यापक उस मंदिर के देवता हैं, जहाँ विद्यार्थी उन देवताओं के भक्त के सामान है।

26- एक व्यक्ति के नासमझ होने से समझदार होने तक के इस सफर में एक अध्यापक उसके साथ हमेशा उसके साथ रहता है।

27- इस समाज में उस दिन बुराई का अंत आ जाएगा, जिस दिन हर व्यक्ति को एक अच्छी विद्या और एक अच्छा अध्यापक मिल जाएगा।

28- एक विद्यार्थी एक भी पाठ से मिली शिक्षा को समझ नहीं पाएगा, जब तक उसे पढ़ाने के लिए वहां शिक्षक नहीं होगा।

29- अनुभव गलती नामक शिक्षक द्वारा मिला मूल्यवान ज्ञान है।

30- अध्यापक का कार्य विद्यार्थी को कक्षा में रोके रखना नहीं है, अपितु उन्हें ज्ञान दे कर आगे बढ़ाना है।

31- एक ज्ञानी व्यक्ति कभी शिक्षक बने या न बने परन्तु एक ज्ञानी व्यक्ति को ज्ञानी एक शिक्षक ही बनाता है।

32- वह व्यक्ति कभी दुर्भाग्यशाली नहीं हो सकता जिसके भाग्य को संवारने के लिए उसके माता-पिता और शिक्षक उसके पास हों।

33- एक पुस्तक का मोल उसे बेचने वाला नहीं, अपितु उसका अध्यापक बताता है।

34- एक व्यक्ति को भले ही पूरी दुनिया जानने लग जाए, परन्तु उसे अपने अध्यापक को कभी नहीं भूलना चाहिए।

35- एक अंधे व्यक्ति में और एक शिष्य में अत्यधिक फ़र्क़ नहीं होता जिस प्रकार एक अंधे व्यक्ति को सही मार्ग समझने के लिए दूसरे व्यक्ति की ज़रुरत होती है. उसी प्रकार एक शिष्य को भी अपने जीवन में सही मार्ग को समझने के लिए एक शिक्षक की ज़रुरत होती है।

36- एक अध्यापक ही एक शिष्य को यह ज्ञात करवाता है की, मुसीबत का हल उस से पीछा छुड़वाने से नहीं अपितु उसका सामना करने से मिलता है।

37- सबसे बुरे वक़्त से गुज़रा व्यक्ति सही वक़्त आने पर सबसे अच्छा अध्यापक बनता है।

38- बुरा वक़्त अत्यंत कठोर शिक्षक है, जो हर पाठ दंड दे कर ही सिखाता है।

39- एक अच्छा शिक्षक वह है जो कभी खुद सीखना बंद न करे।

40- एक अध्यापक की पढ़ाने की विधि अलग हो सकती है, परन्तु हर शिक्षक का लक्ष्य एक ही होता है शिष्य के ज्ञान में वृद्धि।

41- अध्यापक से बड़ा दानवीर इस धरती पर और कोई नहीं और वह इसलिए क्यूंकि वह ज्ञान बाँट रहा है।

42- एक विद्यार्थी एक पंछी के शिशु सामान होता है जिसके पास पंख तो होते हैं, परन्तु उनका इस्तेमाल कर उड़ना अध्यापक स्वयं सिखाते हैं।

43- कोई भी विद्यालय वहां की इमारतों से प्रसिद्ध नहीं होता, वह प्रसिद्ध होता है तो वहां के अध्यापकों के नाम से।

44- शिक्षक से बड़ा शिल्पकार कोई नहीं, वह एक बच्चे से वकील,चिकित्सक और ना जाने क्या-क्या बना देता है।

45- अगर इस श्रिष्टि में अध्यापक ना होता तो यह ज्ञान इतना व्यापक न होता।

46- एक अध्यापक मोमबत्ती के सामान होता है वह स्वयं को जला कर हर शिष्य के जीवन को रोशन करता है।

47- शिक्षा किसी को मिलती ही नहीं, अगर शिक्षा को बांटने का बड़ा अध्यापक न उठाते।

48- जिस व्यक्ति का अध्यापक जूनून होता है, उसे किसी अध्यापक की आवश्यकता नहीं होती है।

49- लोग अपनी मेहनत से अर्जित किये हुए धन को किसी गरीब में बाटते नहीं, परन्तु केवल एक अध्यपक ही है जो अपने द्वारा कमाए ज्ञान के धन को निस्वार्थ भाव से बाँट देता है।

50- वह अध्यापक सबसे अच्छी विधि से पढ़ा पाता ,है जिसने पढ़ने के लिए संघर्ष किया होता है।

51- हर शिशु के जीवन में एक शिक्षक का होना आवश्यक है, क्यूंकि बेहतर तरीके से सीखना कैसे है यह भी एक अध्यापक ही शिष्य को सिखाता है।

52- एक अध्यापक का आभार एक शिष्य तब तक नहीं मान पाता जब तक वह सफल न हो जाए।

53- उस समाज में कुकर्म कम होते हैं, जहाँ विद्यालय, शिष्य, और शिक्षक अधिक होते हैं।

54- अध्यापक एक शिष्य को आज शिक्षित कर उसके कल को बेहतर बनाने का कार्य करता है।

55- हर व्यक्ति एक अध्यापक के सामान है अगर आप सीखने के लिए उत्सुक हैं।

56- एक बेहतर शिष्य वह होता है जो सीखने के लिए उत्सुक होता है, और एक बेहतर शिक्षक वह होता है जो एक अनुत्साहित शिष्य को भी अपने पढ़ाने के ढंग से उत्साहित कर दे।

57- एक अध्यापक की नैतिकता विद्यार्थियों को नैतिक शिक्षा का अर्थ समझा देती है।

58- अगर इस सृष्टि में अध्यापक न होता तो इस सृष्टि में ज्ञान इतना व्यापक न होता।

59- एक अध्यापक का कार्य तेज़ मष्तिष्क वाले शिष्य को आगे पढ़ाना नहीं है, अपितु एक धीमे मष्तिष्क वाले शिष्य को बढ़ावा देना है।

60- एक अच्छे अध्यापक की पढाई हुई सीख हर व्यक्ति के बुरे वक़्त में काम आती है।

61- एक विद्यार्थी पढ़ना शुरू कर देता है, जब एक अध्यापक उसकी देखभाल करना शुरू कर देता है।

62- आज के बुरे समाज को बेहतर कल में बदलने का बल केवल एक अध्यापक के हाथों में है।

63- हर शिष्य की पहली अध्यापक उसकी माँ होती है जो उसे चलना सिखाती है।

64- एक अध्यापक के भी कई सारे अध्यापक होते हैं।

65- ऐसा अध्यापक बनिए जैसा अध्यापक आप एक शिष्य होते वक़्त चाहते थे।

66- एक शिक्षक जब तक एक विद्यार्थी को ज्ञान का अर्थ नहीं बताता जब तक वह विद्यार्थी ज्ञानी बनने की और अपने कदम नहीं बढ़ा पाता।

67- एक शिक्षक जिसके हाथ में सबसे छोटे बालक को सीखने का लक्ष्य होता है उसके हाथ में सबसे कठिन एवं बड़ी ज़िम्मेदारी होती है।

68- एक शिक्षक को विद्यार्थी को पाठ को पढ़ाने के पहले विद्यार्थी को पढ़ना पड़ता है।

69- शिक्षक का स्थान देवता से पहले रखा गया है क्यूंकि, देवता एक व्यक्ति का निर्माण करता है और शिक्षक उसके व्यक्तित्व का निर्माण करता है।

70- गुरु मुश्किल को भी इतनी सरलता से समझाता है की, मुश्किल का अर्थ ही बदल कर सरल बन जाता है।

71- एक व्यक्ति विद्यालय जाए चाहे न जाए ईश्वर उसे सिखाने के लिए शिक्षक समय-समय पर भेजता रहता है।

72- हर छात्र अपना भला नहीं सोच सकता इसलिए ईश्वर ने हर छात्र के भले के लिए एक अध्यापक बनाया।

73- हर अध्यापक को एक अध्यापक बनने से पहले, एक विद्यार्थी का विशवास बनना आवश्यक है।

74- जब एक अध्यापक पढ़ाना शुरू करता है, तब दो विद्यार्थी पढ़ना शुरू करते हैं।

75- एक अध्यापक का कार्य एक विद्यार्थी के खाली दिमाग को एक खुले दिमाग में तब्दील करना है।

76- एक अध्यापक का चरित्र एक वृक्ष के सामान होता है, जो हर विद्यार्थी को एक सामान छाया,फल आदि बांटने में संकोच नहीं करता है।

77- एक व्यक्ति कई व्यक्तियों का अध्यापक होता है, और कई व्यक्ति एक व्यक्ति के अध्यापक होते हैं।

78- शिशु चाहे जितना बड़ा हो जाए, वह अपने माता-पिता और गुरु के लिए एक शिशु ही रहता है।

79- धन एक क्रूर अध्यापक है जो आपको दूसरों का सम्मान करना नहीं सिखाता।

80- ज्ञान हर व्यक्ति के पास होता है परन्तु जो व्यक्ति ज्ञान को फैलाए वही ज्ञानी और अध्यापक कहलाता है।

81- जीवन की हर आयु में हर क्षेत्र में सीखने की आवश्यकता होती है, और जब भी सीखने की आवश्यकता होती है तो एक अध्यापक की उस क्षेत्र में आवश्यक होती है।

82- हमे हर व्यक्ति का सम्मान करना चाहिए, क्यूंकि हर व्यक्ति हमें जीवन की एक सीख देने आता है और हमे अपने अध्यापक का सम्मान करना चाहिए।

83- एक अध्यापक कभी गलत नहीं हो सकता, क्यूंकि वह कुछ पढ़ाने से पहले खुद दो बार पढ़ता है एवं पढ़ाने के बाद उसका सही अर्थ दो बार समझाता है।

84- जब एक अध्यापक एक पीढ़ी को पढ़ा रहा होता है, तब वह कई पीढ़ियों को पढाई की अहमियत पढ़ा रहा होता है।

85- एक व्यक्ति जो अनुभव से भरा हुआ हो उसके पास भले ही अध्यापक की डिग्री न हो, पर फिर भी वह आपको बहुत कुछ सीखा सकता है।

86- एक अध्यापक कई अध्यापकों को जन्म देता है जिस से ज्ञान का आदान-प्रदान कभी बंद नहीं होता है।

88- अध्यापक जिस विद्यार्थी पर भरोसा कर लेता है वह विद्यार्थी कभी अपना आत्मविश्वाश नहीं खोता।

89- माता-पिता शिशु को अपने पैरों पर चलना सिखाते हैं एवं एक शिक्षक विद्यार्थी को उसूलों पर चलना सिखाता है।

90- एक अध्यापक कभी भी सरल विधि नहीं सिखाता, अपितु मुश्किलों को सरल करने की विधि सिखाता है।

91- आपके मित्र भी आपके अध्यापकों में से एक होते हैं, क्यूंकि वह आपको जीना सिखाते हैं।

92- एक व्यक्ति का अपना गन एक भी नहीं होता वह हर गन अपने किसी अध्यापक से सीखता है एवं फिर दूसरों को सिखाता है।

93- समाज के हित के लिए जो सबसे ज्यादा कार्य कर रहा है उसे श्रेय बहुत ही कम मिलता है, उस व्यक्ति का नाम है “अध्यापक”।

94- पिता और अध्यापक में एक बात सामान होती है, वह किरदार से कठोर होते हैं पर गलत नहीं होते हैं।

95- समाज धारणा से नहीं उदाहरण से बदलता है, इसलिए धारणा नहीं एक उदाहरण बनें जिससे हर व्यक्ति कुछ सीखे ।

96- एक अध्यापक कितना महान है इसका अंदाजा इसी बात से लगा लीजिए, की उसके जीवन का उद्देश्य आगे बढ़ना नहीं अपितु आगे बढ़ाना होता है।

97-समाज को श्रेष्ठ शिक्षा ने बनाया और शिक्षा को श्रेष्ठ शिक्षक ने बनाया है।

98- वह व्यक्ति कभी कुछ गलत नहीं सीखता जो अपनी गलतियों से सीखता है।

99- एक शिक्षक के लिए यही सफलता है की वह शिष्य को इतना सक्षम बना दे की उसे सफल होने के लिए शिक्षक की और आवश्यकता न पड़े।

100- एक सर्वप्रिय अध्यापक वह अध्यापक है जो उदाहरण ना दे, अपितु अपने शिष्यों के आगे खुद एक उदाहरण बन जाए।

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