स्कूल की जिंदगी हम में से लगभग कई लोगो ने जी रखी होगी, और उस दौरान सभी लोगो ने स्कूलों में खूब मस्ती भी जरूर करी होगी, वो स्कूल के हसीन लम्हे आपको आज याद तो ज़रूर आते होंगे पर अफ़सोस आप उस दौर में फिर दोबारा नहीं जा सकते, लेकिन आज हम जो आपके लिए Best School Life Quotes in Hindi लाये हैं इन्हे पढ़कर आपकी यादे तो ताज़ा होएंगी ही और तो और आप खुद को उस दौर में पहुँचा हुआ मेहसूस करने लगेंगे। तो चलिए दोस्तों आपका ज्यादा वक्त जाया ना करते हुए हम आपको अपने यह Quotes of School Life in Hindi की तरफ लेकर चलते हैं।

1- हर रोज बस मौज होती थी समंझ नहीं आता वो स्कूल था या जन्नत।

2- काश एक दफा फिर स्कूल के दिन लौट आए, पक्का इस बार ना जाने का कोई बहाना नहीं बनाऊंगा।

3- कैसी पलट गई है ज़िन्दगी, पहले स्कूल ना जाने का बहाना ढूंढते थे अब स्कूल जाने का मौका तक नहीं मिलता।

4- काश एक दफा फिर वो दिन हसीन मिल जाए, चाहे कुछ दिन के लिए ही सही एक बार फिर से स्कूल के दिन मिल जाएं।

5- बस एक बार और मिल जाएंगे जो मुझे स्कूल के दिन वापस तो इस बार स्कूल के दिन काटूंगा नहीं खुल कर जियूँगा।

6- स्कूल में कुछ तो बात थी तभी स्कूल की बातें स्कूल के बाद भी याद आती है।

7- पहले पता नहीं लगता था स्कूल में दिन कब बीत जाता था, अब पता नहीं लगता स्कूल के दिन कब बीत गए।

8- गर्मियां तो आज भी आती है पहले की तरह बस अब स्कूल के दिनों की तरह गर्मियों की छुट्टिया नहीं आती पहले की तरह।

9- होमवर्क ना कर पाने का डर भी ख़ुशी में बदल जाता था, जब पता लगता था आज किसी दोस्त ने भी होमवर्क नहीं किया है।

10- वो स्कूल का दरवाज़ा वो लोहे का दरवाज़ा था या फिर जन्नत का दरवाज़ा।

11- स्कूल में पढ़ा क्या था सही से याद नहीं पर स्कूल का हर एक दिन अच्छे से याद है।

12- एक छोटे से कमरे में हम चालीस बच्चे रहते थे, वो मेरा दूसरा घर स्कूल थोड़ा छोटा था पर कमाल का था।

13- कन्धों पर ज़िम्मेदारियाँ नहीं बस बस्ते थे, तभी स्कूल के दिनों में हम जी खोल कर हसते थे।

14- हर सुबह उठ कर स्कूल को जाना, बड़ा खूबसूरत था वो स्कूल का ज़माना।

15- वो राह आज भी याद है जहाँ था स्कूल मेरा, वही मेरी नन्ही सी दुनिया थी वही खूबसूरत जहाँ था स्कूल मेरा।

16- स्कूल का पहला दिन और आखिरी दिन एक जैसा था, दोनों बार आँखों में आंसू थे पर दोनों बार रोने की वजह अलग थी।

17- स्कूल हमेशा मैं देर से पहुँचता था, अगर पता होता की स्कूल के दिन इतनी जल्दी निकल जाएंगे तो हर दिन समय से पहले पहुंच जाता।

18- स्कूल सिर्फ विद्या का घर नहीं होते वो हर बच्चे का दूसरा घर होता है।

19- मुँह मासूम सा किताबों के पीछे रहता था, पर उसे पढ़ने के लिए नहीं मास्टर जी से छुप कर बाते करने के लिए।

20- जब स्कूल जाते थे तब सुबह देख लेते थे जब स्कूल से आते थे तब दिन देख लेते थे और जब खेलते थे तब शाम भी देख लेते थे, पर अब आँख खोलो तो सुबह होती है और ऑफिस से निकलो तब सीधा रात हो जाती है।

21- हर पल बस मस्ती और खेलने का जज़्बा था, तब गावं का वो छोटा सा स्कूल ही हमारा क़स्बा था।

22- कन्धों पर बस्ता था पर वो कभी आज की ज़िम्मेदारियों की तरह बोझ नहीं लगा करता था।

23- पहले स्कूल के वक़्त आराम था इसलिए छुट्टी के दिनों में भागदौड़ किया करते थे, आज छुट्टी के मायने आराम करने तक ही रह गए हैं।

24- बचपने की वजह से स्कूल खराब लगता था, अगर तब दिमाग होता तो छुट्टी के दिन भी स्कूल चले जाते।

25- स्कूल की दोस्ती में एक बात ख़ास होती ,है इसमें पैसों की कोई अहमियत नहीं होती दोस्ती ही सबसे ज्यादा कीमती होती है।
26- याद आते है वो स्कूल के यार जो साथ मार खाने को भी रहते थे हमेशा तैयार।
27- स्कूल की दोस्ती की सबसे बड़ी खासियत ये थी की यहां हैसियत नहीं बस मज़ाक और हसी देखी जाती थी।
28- बस एक दिन लौटा दो वो दोस्तों का साथ वो छोटी क्लास वो मैदान की घांस।
29- पहले स्कूल एक बहाना था रोज़ मिलने का आज दफ्तर एक बहाना है कभी ना मिलने का।

30- बहाने बनाते थे स्कूल ना जाने के अब सोचता हूँ ना जाने क्यों बहाने बनाते थे।
31- हज़ारों दोस्तों का आना जाना हुआ, पर स्कूल के दोस्तों जैसा दोस्त मिले ज़माना हुआ।
32- अजीब बात थी ये स्कूल के समय की सोमवार बीतते सदियाँ लग जाती थी और रविवार पालख झपकते ही ख़त्म हो जाता था।
33- जिन दोस्तों की दोस्ती स्कूल के कई साल बाद भी बरकरार होती है, उस दोस्ती में एक अलग ही बात होती है।
34- अब कौन करे इंतज़ार लंच के होने का ये सोच कर स्कूल शुरू होते ही अपना लंच ख़त्म कर लेते थे।

35- स्कूल से दूर हो गए पर स्कूल दिल से कभी दूर नहीं हो सका।
36- किताब हाथों में पर ध्यान दोस्तों की बातों में।
37- एक वक़्त था जब स्कूल न जाने के लिए झूठ-मूठ सोया करते थे, और आज स्कूल के दिनों को याद कर रोया करते हैं।
38- दिन तो स्कूल में काटते थे, अब तो रातें काटना भी भारी पड़ रहा है।
39- हर बात को बाद में देखने की बात करते थे, मैं और मेरे दोस्त निकम्मे हुआ करते थे स्कूल में बस बात किया करते थे।

40- दिखावा नहीं था स्कूल में अच्छे कपड़ों का, वहां हर बच्चा एक ही वेश में एक सा लगता था।
41- याद है मुझे उस गर्व का एहसान होना एक रात पहले पढ़ कर भी इम्तेहानों में पास होना।
42- वही अच्छे थे स्कूल के इम्तेहान ये ज़िन्दगी के इम्तेहान में सवाल बहुत कठिन आते हैं।
43- बड़े-बड़े मसले आसानी से हल हो जाते थे, स्कूल के दिनों में दिलों में मेल इकठ्ठा नहीं हुआ करता था।
44- भले कुछ इम्तेहानों में fail हो जाएं पर दोस्ती के इम्तेहान में स्कूल में कोई fail नहीं होता था।

45- खेलते-खेलते लड़ाई और खेल-खेल में दोस्ती ऐसा कारनाम सिर्फ स्कूल के दोस्तों में हुआ करता था।
46- उम्र बढ़ गई है पर दिल आज भी पुरानी यादों के पन्नों में स्कूल के दिन ही ढूंढता है।
47- खेल खेलने के लिए खेल इतने ज़रूरी नहीं थे बस दोस्त ज़रूरी थे।
48- पढ़ने लिखने में ध्यान कम था ज़रा, पर स्कूल ने मुझे दोस्ती का मतलब पढ़ाया है।
49- पहले स्कूल में कैसे भी खेलने के लिए वक़्त ढूंढ लेते थे, अब ज़िम्मेदारिया इतनी हैं वो वक़्त ढूंढने का भी वक़्त नहीं है।
50- स्कून के दिनों में सबसे बेहतर दिन वो होता था जब हर क्लास का पहला दिन होता था।
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