25 Bad Kismat Shayari (बदक़िस्मती पर शायरी)
1- वो गई भी वहां छोड़ कर मुझे, ज़रुरत थी उसकी सबसे ज्यादा जिस मोड़ पर मुझे।
2- खुद को कोसने का बहाना मैं खोज लेता हूँ, कभी उस बेवफा को बुरा कहता हूँ कभी खुद की बुरी क़िस्मत को दोष देता हूँ।
3- मेरे लिए वो कभी पूरा ना होने वाला खूबसूरत ख़्वाब थी, वो क़िस्मत वालों के लिए खुदा ने बनाई थी और मेरी क़िस्मत ही खराब रही।
4- कभी कभी मैं अपने इस हाल की वजह समझ नहीं पाता, मेरी क़िस्मत ज्यादा बुरी थी की वो समझ नहीं आता।
5- मेरी लकीरें भी कभी-कभी मुझसे चीख कर कहती है तू नहीं मैं ही गलत हूँ।
6- मुक़द्दर की लिखावट का एक ऐसा भी कायदा हो, देर से किस्मत खुलने वालो का दुगना फायदा हो।
7- मुकद्दर ही रूठा हुआ है मुझसे मैं तो वहां भी हार जाता हूँ जहाँ सब जीत जाते हैं।
8- क़िस्मत से मैं उम्मीद भी तो तब रखूँ जब वो कहीं मेरा साथ दे कर मेरी इज़्ज़त रखे।
9- क्यों करते हो मुक़द्दर पर भरोसा वो मौसम की तरह होता है कभी भी बदल सकता है।
10- कमी मेरी मोहोब्बत में कोई ना निकलना कोई पूछे की वो क्यों ना मिल सके तो कह देना मेरी क़िस्मत ही खराब थी।
11- मोहोब्बत खेल ही किस्मत का था और हम यहाँ अपनी मोहोब्बत आज़मा रहे थे।
12- इतनी दुआ इतनी मन्नते कर चूका हूँ तेरे लिए की अब समझ नहीं आ रहा की तू खुदा को मंज़ूर नहीं की क़िस्मत को।
13- क़िस्मत की लकीरें इतनी नाराज़ है मुझसे की अक्सर मुझे वही ले जाती है जहाँ मैं जाना नहीं चाहता।
14- क़ीमत हमे वो दिन दिखा रही है की दिन में हमे रोज़ तारे दिखाई देते हैं।
15- दिल मेरा आज भी अच्छा है बस क़िस्मत ही खराब है मेरी।
16- सीधे रास्तों पर भी टेढ़े मुँह गिर रहा हूँ ये खुदा की मार नहीं क़िस्मत की मार है।
17- मेरा हिस्सा भी मेरे हिस्से में नहीं आता अब इसके सिवाय और क्या ही कहूँ की किस्मत खराब है।
18- मेरे साथ रहने वाले बदल गए, मेरे हक़ में उछले हर सिक्के पलट गए अब ऐ क़िस्मत तुझसे मुझे कोई उम्मीद नहीं।
19- हाल बुरा कर दिया हर उस शख्स ने जो मुझे अच्छा लगता था समझ नहीं आता की मैं बुरा हूँ या मेरी क़िस्मत बुरी है।
20- जो मुझे पसंद नहीं करते मुझे आदत भी उसकी पड़ी है, ऐ क़िस्मत तू कितनी बुरी है।
21- मेरी क़िस्मत ने मेरे संग सब गलत किया और मेरे अपनों ने कहा सही हुआ।
22- किस्मत में नहीं था ये सोचकर जिन्दगी भर खुद को तसल्ली देने से अच्छा है कि जिंदगी भर किस्मत से लड़ा जाए।
23- ख़ुशक़िस्मत हो तुम जो हम रो रहे हैं तुम्हारे लिए बदक़िस्मत हो जाओगे जो कोई हमे हँसाने वाला मिल जाएगा।
24- मेरी किस्मत और दिल की कभी नहीं बनी क्यूंकि जो भी दिल में होता है वो मेरी क़िस्मत में कभी नहीं होता।
25- मेरी मेहनत और बुरी क़िस्मत लड़ते बहुत है पर नाजाने कैसे किस्मत हमेशा जीत कर मुझे हरा देती है।