30 Best Burai Shayari

1- बुरे वो नहीं होते जिनकी बुराई होती है, बुरे वो होते हैं जो बुराई कर रहे होते हैं।

2- बुरे लोग वही है जो किसी की अच्छाई को दिखावे का नाम देते हैं।

3- याद रखें अगर आप कुछ बड़ा अच्छा करने की सोच रहे हैं तो आपकी बुराइयां ज़रूर होगी।

4- पहले लोग आपकी बुराई करेंगे फिर जब आप कुछ कर दिखाएंगे तब वही लोग आपको बधाई करेंगे।

5- मैं अच्छा था ये सभी बड़ी बुराई थी मेरे अंदर।

6- पीठ पीछे बुराई करने वाले पीठ के पीछे बुराई इसीलिए करते हैं क्यूंकि वो आपसे आगे नहीं जा सकते।

7- अच्छे इसलिए है की कभी किसी की बुराई नहीं की, जुबां गन्दी हैं मेरी क्यूंकि कभी किसी को सफाई नहीं दी।

8- जो कह रहे हैं मुझे बुरा उन्होंने भी कहाँ कभी किसी का भला किया है।

9- ये कलियुग है साहब यहाँ ज्यादा भला करना भी बुरा होता है।

10- मैं कैसे कह दूँ बुरा किसी के बारे में की कमियां मुझमे भी कुछ कम नहीं।

11- मुँह पर बुराई कर लो मुझे बुरा नहीं लगेगा, पीठ पीछे बुराई कर के भी तुम्हे क्या मिलेगा।

12- वो बेवफा है तो क्या मत कहो बुरा उसको, के जो हुआ सो हुआ खुश रखे खुदा उसको।

13- बुराई का प्रतीक हर कोई बनता दिख रहा है, मुझे लगता है की हर इंसान में एक रावण है।

14- मेरी बुराई कर अगर कुछ भला हो जाए तुम्हारा, तो करते रहो ये ज़िन्दगी तुम्हारी ये वक़्त तुम्हारा।

15- अच्छाई अपनी ज़िन्दगी जी लेती है, बुराई अपनी मौत खुद चुन लेती है।

16- बुराई मेरे अंदर भी मौजूद होगी ज़रूर, मैं भी एक शक्श हूँ कोई भगवान् तो नहीं।

17- तेरे लाख वादे तोड़ने पर भी भरोसा मेरा जुड़ा रहा, ये सफर मोहोब्बत का तेरे बदौलत मेरा बुरा रहा।

18- हर शक्श अच्छा होता है पहले पहल, ये बुरी दुनिया इंसान को बुरा बन देती है।

19- किसी के लिए बुरा सोचने से बेहतर यही है की अपना अच्छा सोच लिया जाए।

20- जब बुराई इंसान में है अब तो फिर भला क्यों हर दशहरा रावण को जलाया जाता है।

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21- भला होगा क्या बया बुरा सोचकर किसी का, तुम्हारा घर तो नहीं बस जाएगा अगर घर उजाड़ जाएगा किसी का।

22-बुरा देख भी लेता हूँ सुन भी लेता हूँ और कर भी लेता हूँ फिर भला कैसे कह दूँ मैं गांधी वादी हूँ।

23- अपनी भलाई का सोचने में कोई हर्ज़ नहीं लोग दूरों का बुरा सोचते हैं गम इस बात का है।

24- लोग अपने दुःख से दुखी नहीं बल्कि दूसरों को खुश देख कर दुखी है।

25- ना बुराई करता हूँ किसी की ना अपनी बधाई करता हूँ, मैं ऊपर वाले को ही मानता हूँ और ऊपर वाले से ही डरता हूँ।

26- लाखों मुँह एक साथ बंद हो जाएंगे जब एक दिन तू एक कामियाब इंसान बन जाएगा।

27- लोग आपक बुराई कर रहे हैं इसका मतलब है की आप कुछ कर रहे हैं।

28- बुराई तबाही की निशानी है बल्कि दूसरों की नहीं बल्कि खुद की।

29- जो सभी में बुराई ढूंढता हो ज़ाहिर है वो शक्श अच्छा निकल ही नहीं सकता।

30- किसी की बुराई करना जितना आसान होता हैं उतना ही मुश्किल किसी की अच्छाई करना भी होता है।

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