50 बेहतरीन हौसला पर शायरी
1- मुसीबत से तू ज्यादा डर या खौफ ना रख, तू जीतेगा ज़रूर एक दिन बस आज हौंसला रख।
2- वो अक्सर कुछ भी कर लेते हैं जो डर को बहार फेंक अंदर हौंसला भर देते हैं।
3- अटल रह तू बस अपने फैसलों पर, चलता रह मत रख नज़र फासलों पर, मंज़िल मिलेगी ज़रूर तुझे तू बस टिका रह अपने हौसलों पर।
4- आसमान भी मुझसे नीचे उड़ेगा मेरे हौसलों में इतनी ताक़त है।
5- सच तेरा हर एक ख़्वाब होगा, अगर हौंसला जो तेरा सेहलाब होगा।
6- देखूँगा नहीं मेरे आगे चाहे कठिनाई की लहर या फिर आग का दरिया होगा, तैर कर पार कर लूँगा क्यूंकि ये हौंसला मेरा जरिया होगा।
7- चौंक जाएंगे मेरी उड़ान देख कर ऐसा मैं अपना जरिया बदल दूंगा, जो मुझे नाकारा समझते हैं एक दिन मैं उन सब का नजरिया बदल दूंगा।
8- मैं वो परिंदा हूँ जिसका राज पूरे आसमान पर है एक छोटे घौंसले पर नहीं।
9- रख हौंसला तू बन्दे वक़्त तेरा आएगा, खुद को तू कर ले काबिल खुदा मिल जाएगा।
10- अपने हौंसलों की आग ऐसी रखनी होगी की कामियाबी का लोहा पिघल जाए।
11- इबादत काम की कर तुझे खुदा मिलेगा, सब जैसा मुकाम नहीं तुझे सबसे जुदा मिलेगा।
12- जिस दिन तू अपने हौसले को हासिल कर लेगा, तू खुद को काबिल कर लेगा।
13- उम्मीद वक़्त का सबसे बड़ा सहारा है, अगर हौंसला हो तो हर मौज में किनारा है।
14- जब तू मेहनत के तराज़ू में हौंसला और यकीन रख लेगा, यकीन मान तू उस दिन स्वाद-ऐ-जीत रख लेगा।
15- उड़ान हौंसला भरता रहा मैं पार हर मुश्किल का मंज़र करता रहा।
16- हौंसले भी किसी हक़ीम से कम नहीं होते हर तकलीफ में ताक़त की दवा देते हैं।
17- तू कोशिश तो कर फिर से उड़ान भरने की, अपने मरे हुए ख़्वाबों में जान भरने की, तू बस हौंसला रख और मेहनत कर और ठान ले सारी दुनिया में अपना नाम करने की।
18- अगर लगन होगी कुछ कर दिखाने की दिल में अगन होगी, तो हर मुश्किल जल कर राख हो जाएगी हर दिक्कत तेरी भसम होगी।
19- तोड़ दे ये ज़ंजीरें जो ज़माने ने लगाई है, इन बंधे हाथों से तू कभी जी खोल कर जी नहीं पाएगा।
20- तुझमे कुछ बात होगी तभी तो सारी दुनिया में तेरी बात होगी, कामियाबी का जूनून होगा तो मुश्किलों की क्या औकात होगी।
21- ख़्वाब सच हो जाएंगे जब तेरी मेहनत सच्ची होगी, जब जान आ जाएगी हौसलों में तो मुसीबत की हर डोर कच्ची होगी।
22- जो हिम्मत हार जाओगे तो भला जीतोगे कैसे, जो ज़िन्दगी को पढ़ना ही नहीं चाहोगे तो भला जीतोगे कैसे।
23- ज़रूर सुना होगा की ख़्वाबों ने किसी को सोने नहीं दिया, पर कभी नहीं सुना होगा की अँधेरी रातों ने रोशन सवेरा होने नहीं दिया।
24- बस गिरा हुआ हूँ मरा नहीं हूँ मैं, बस मुसीबतों से घिरा हुआ हूँ डरा नहीं हूँ मैं।
25- हौंसलो की आग धधक रही है निगाहों में, अब मुश्किलों में इतना दम नहीं की हमे रोक दे राहों में।
26- हौसलों की आँधिया इतनी तेज़ होनी चाहिए की क़िस्मत का सिक्का पूरी तरह पलट जाए।
27- हर गम ने, हर सितम ने,नया होंसला दिया, मुझको मिटाने वालो ने, मुझको बना दिया।
28 – समझदारों को बस रास्ते मिलते हैं मंज़िलों पर नाम तो पागलों का ही लिखा जाता है।
29- बाज की उड़ान भी ज़मीन तक ही रह जाती अगर उसे भी गिरने का खौफ हो जाता।
30- मत करना कोशिश आँधियों हमे अपने संग उड़ाने की मैंने उड़ान घमंड से नहीं हौसलों से भरी है।
31- कारनामे बड़े होंगे तो बात बड़ी होगी, हौसलें बड़े होंगे तो औकात बड़ी होगी।
32- हमारे हौसलें क्या थोड़े से ज़िद्दी हो गए, ये बड़े-बड़े मुसीबतों के पहाड़ हमारे आगे पिद्दी हो गए।
33- मिल जाएगी तुझे तेरी खोई हुई पहचान बस तू थोड़ा होश और हौंसला रख।
34- हमे अब क्या गिराएंगी ये छोटी मोटी तकलीफें हमने तो चलना भी ठोकर से सीखा है।
35- क्या हुआ जो कोशिशें नाकाम हो गई मेरी धड़कने साँसे मेहनत और जूनून अब भी काम पर लगी हुई है।
36- तानों की तारे टूट कर तार तार हो जाएगी, मेरी एक जीत से मुझसे जलने वालों की हार हो जाएगी।
37- जिनमे अकेले चलने का हौंसला होता है एक दिन उनके पीछे एक दिन पूरा काफिला होता है।
38- जो नींद पूरी करने में विशवास रखते हैं उनके ख़्वाब भी ख़्वाब में ही पूरे होते हैं।
39- गुरूर आसमान तेरी ऊंचाइयों का मैं तोड़ दूंगा, एक दिन इतना ऊपर उडूँगा की तुझे नीचे छोड़ दूंगा।
40- ये कह कर दिल ने मेरे कई दफा हौसलें बढ़ाए हैं, ग़मों की धुप के आगे ख़ुशी के साए हैं।
41- आज कश्ती भी नहीं मेरे पास एक दिन मेरा जहाज़ होगा, आज कुछ नहीं मेरे हाथ में पर एक दिन मेरे ही हाथ में सारी दुनिया का राज होगा।
42- तू बस तैरता जा मत देख गहराई और समंदर को, तू बस चलता जा मत देख दूरी और मंज़र को।
43- उड़ो तो ऐसे उड़ो की फक्र हो बुलंदी को, झुको तो ऐसे झुको की बंदगी भी नाज़ करे।
44- खुल जाएगा धड़ल्ले से वो दरवाज़ा भी जो सदियों से बंद होगा, जब तेरी मेहनत बेजोड़ होगी और तेरा हौंसला बुलंद होगा।
45- वक़्त की गर्दिश का बहाना मत बनाओ याद रखना हौंसले मुश्किल में ही पलते हैं।
46- हर रोज़ गिर कर भी मुकम्मल खड़े हैं देख ज़िन्दगी मेरे हौंसले तुझसे कितने बड़े हैं।
47- हो सकती है जिन्दगी में मोहोब्बत दोबारा भी.. बस होंसला चाहिए फिर से बर्बाद होने का।
48- जीने के लिए ज़िन्दगी नहीं ज़िंदा दिली चाहिए।