25 Best 2 Line Pagal Shayari

1- तेरे दिल की ज़मीन पर ठहर सके वो आवारा बादल हूँ मैं, तेरी चाहत में बिलकुल पागल हूँ मैं।

2- तेरी अदा के मरे हुए आशिक़ घायल है हम, तुझे सोच कर अकेले में मुस्कुराते हैं सच पागल है हम।

3- दुनिया भी पागल है जो सभी के चेहरे पर मुस्कराहट ला दे उसे पागल ही कहती है।

4- मुजरिम तो है मगर बस तेरी अदालत में हम, पागल तो हैं मगर बस तेरी चाहत में हम।

5- ये इश्क़ पागलों का शहर है साहब यहाँ समझदार ज्यादा दिन टिक नहीं पाते।

6- मैं जैसा हूँ नहीं वैसा बताया गया है, मैं पागल हूँ नहीं मुझे बनाया गया है।

7- ना दौलत के पीछे ना शौहरत के पीछे हम तो पागल हैं सनम तेरी मोहोब्बत के पीछे।

8- अब जब तू ज़माने में इतनी आगे निकल गई है पछता रहा हूँ तेरे पीछे क्यों पागल हुआ मैं।

9- जैसे तेरा मेरे संग लहज़ा चलता है , जल्द ही हो जाऊंगा पागल मुझे ऐसा लगता है।

10- आँखों में आंसू और दीवारों के कन्धों पर सर है, मुझे पागल करने में छोड़ी ना तूने कोई कसर है।

11- गलती सारी मेरी थी उसने सभी को ये जा कर बताया, खुद को समझदार समझ कर उसने मुझे पागल बताया ।

12- मैं पागल अब तक अकेले में बड़बड़ा रहा हूँ, कितनी मोहोब्बत थी तुझसे ये खुद को बता रहा हूँ।

13- लगता नहीं मेरादिल तुझे भुलाना चाहता है, जानता है ये भी की तू नहीं आएगी फिर भी एक और दफा ये तुझे बुलाना चाहता है।

14- मैं वही बैठा हूँ जब चाहे मर्ज़ी तब आना-जाना, जब लौटोगी वापस तब ज़रूर बताना मिला मुझ सा कोई पागल दीवाना।

15- क्या फ़र्क़ पड़ता है ज़िन्दगी बाकी भी है अगर हम उनके लिए मर चुके है।

16- चल पड़ता हूँ उसकी हवाओं में मैं उसका बादल बन, अब कौन समझाए इस दिल को अच्छा नहीं इतना पागलपन।

17- पागल हो जाने का भी गज़ब फायदा है साहब लोग पत्थर तो उठाते हैं पर ऊँगली नहीं।

18- उस खूबसूरत ने मेरा खूब पागल बनाया, इश्क़ किसी और से किया और मुझे अपना बताया।

19- तेरे ही ख्यालों में उम्र भर के लिए खो गया हूँ, अब तू ही बता मुझे कहीं मैं पागल तो नहीं हो गया हूँ।

20- माना की मैं ज्यादा लायक तो नहीं था, पर मर मिटूँ किसी की मोहोब्बत के लिए मैं इतना पागल भी नहीं था।

21- तू शराब है और मैं तेरी तलब में हूँ, पागल हूँ मैं तेरे पीछे बस तेरी ही तड़प में हूँ।

22- ख़्वाब भी तेरे ख्याल भी तेरे सवाल भी तेरे, पागल हो गया हूँ मोहोब्बत में तेरी तरस तो खा थोड़ा हाल पर मेरे।

23- अरे ओ दिल कब तक तुझे समझाये कोई, इतनी मुद्दत में तो पागल भी सुधर जाते है।

24- ये दुनिया झूठों ने जीत रखी है वो पागल है यहाँ जो सच बोलते हैं।

25- रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं, चाँद पागल हैं अन्धेरें में निकल पड़ता हैं।

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