BACHPAN QUOTES

BACHPAN QUOTES (CHILDHOOD QUOTES IN HINDI)

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बचपन वही बचपन जो अब बीत चूका है या कहें की हमने उसे बड़े होने की मिन्नतें करते-करते गुज़ार दिया। मैं जानता हूँ दोस्तों आप यहाँ अपनी बचपन की यादें ताज़ा करने आए हैं। मैं आपको यह वादा करता हूँ और दावा भी करता हूँ इन Bachpan Quotes को पढ़ कर आप अपने बचपन में एक दफा फिर लौट जाएंगे।

बचपन में माँ का दुलार पिता की डांट, पिता का सात, भाई का साथ सब कुछ याद आ रहा होगा। आपका कभी भी सो जाने आपका बिन कुछ कहे ही सबका आपको समझ लेना यह सब कुछ आपको आज यहाँ याद आने वाला है तो क्या आप उत्साहित है अगर हाँ तो आइए चलते है इन Childhood Quotes के दरवाज़े से अपने बचपन की और

Bachpan Ke Din Quotes

1- अल्लाह फिर से लौटा दे मुझे वो बचपन के दिन, ज़िन्दगी में कम से कम सुकून से बैठने के लिए रविवार का इंतज़ार तो नहीं करना पड़ेगा।

2- कभी कंचे तो कभी लट्टू बचपन में खिलौने कम नहीं थे, पर बचपन के दिन काफी कम थे।

3- दिन बचपन के किसी को ठीक से याद नहीं रहते, पर याद बचपन के दिनों को सब बहुत ठीक से करते हैं।

4- बचपन में बड़ा बेसब्र था बड़ा होने को, क्या करे काफी मासूम हुआ करते थे हम बचपन के दिनों में।

5- बचपन के दिन भी क्या खूब थे सपने तब भी देखा करते थे, बस उन्हें पूरा करने का डर नहीं था।

6- वो बचपन था या सपना आज भी यकीन नहीं होता, उस दौर हक़ीक़त भी सपनों से हसीं हुआ करती थी।

7- हसरतें हस्ती बनने की नहीं मस्ती करने की हुआ करती थी, उस दौर में मेरी उम्र यही कुछ 6,7 साल की हुआ करती थी।

8- बचपन का वो दौर सबको प्यारा होता है, क्यूंकि बच्चे को कोई अपना दुश्मन नहीं समझता वो सबका प्यारा होता है।

9- क्या खूब बीता वो दौर बचपन का, बस पता न लग सका की कब बीता दौर बचपन का।

10- बचपन का दौर था या बस एक लम्हा भर था, पलख झपकते ही न जाने हम कब इतने बड़े हो गए।

11- काश कुछ देर और चलता वो दौर बचपन का, ये सन्नाटा नहीं भाता चालाकियों का एक पल भी मुझे, वो मासूम शौर ही पसंद हैं बचपन का।

12- सर पर ज़िम्मेदारियों का बोझ नहीं शरारतें सवार हुआ करती थी, वो दौर-ऐ बचपन भी कितना हसीं था।

13- अपने बचपन की तस्वीर की और देखा तो सोचा क्या दौर था वो भी बचपन का जब ना बाल बनाने आते थे ना बात बनानी आती थी।

14- हर दिन तो नहीं याद मुझे बचपन का, पर यादें सारी मुझे याद है बचपन की।

15- खेल के मतलब नहीं थे बस खेलना ज़रूरी था, ज़िन्दगी बचपन में कितनी आसान थी जब इसे काटना नहीं जीना ज़रूरी था।

16- दुआ की थी बचपन में की जल्दी बड़ा हो जाऊं, आज सोचता हूँ न जाने क्या सोच कर मैंने वो दुआ की थी।

17- ना जल्दी किसी बात की ना देर हुआ करती थी, वही वक़्त सही था बचपन का जब हमे वक़्त तक देखना नहीं आता था।

18- दम तो नहीं होता उन बचपन के नन्हे हाथों में, पर फिर भी ज़िद्द इतनी जी-जान से पकड़ते हैं की पूरी हो ही जाती है।

19- वो बचपन ही था जब आँख मूँद कर हर बात पर विशवास कर लिया करते थे, आज बड़े होने पर कितना भी यक़ीन दिला लो किसी पर भरोसा नहीं होता।

20- आँख बंद होते ही खेलने के सपने और आँख खुलते ही खेलने का ख्याल आता था, बस कुछ ऐसा ही बचपन था मेरा।

21- मुझे फिर से वो कल्पना के धागों से बने कम्बल औढ़ा दे ऐ-ज़िन्दगी, या तो बचपन लौट जाए या मुझे बचपन की और लौटा दे ऐ-ज़िन्दगी।

22- छोटी-छोटी बातों पर हंस देना बस बचपन में आता है, बड़े क्या हो गए बस बड़ी-बड़ी बातों के मायने रह गए।

23- बहाना नहीं चाहिए होता था खुश होने का, ना रोने की कोई ठोस वजह होती थी, ना डांटता था कोई गलतियों पर मुझे, ना गलतियों की कोई ठोस सजा होती थी।

24- खेलते कम और कूदते ज्याद थे बचपन में, शायद वजह कंधो पर बोझ की कमी थी।

25- बचपन में ऐसा रोता था की पूरा मोहल्ला जान जाता था, और अब रोता हूँ तो आँखों को भी खबर नहीं होती।

26- ना ही शर्तें होती थी, ना ही नियम-कानून होते थे, वो बचपन की अदालतें शरारतों की दलील पर चला करती थी।

27- पतंग नहीं मानो आइना था जैसे आज हवा में उड़ता हुआ मुझे मेरा बचपन दिखाई दिया।

28- शायद बचपन सबका इसलिए ज़बरदस्त होता है क्यूंकि, बचपन में ज़िम्मेदारी निभाने की कोई ज़बरदस्ती नहीं होती।

29- बचपन की याद मुझे इतना सताती है, इस बार लौटेगा तो जाने नहीं दूंगा।

30- आखरी बचपना मैंने बचपन में किया था, जब से बड़ा हुआ हूँ सिर्फ गलतियां की है।

31- बंधे नहीं रहते थे किसी ज़िम्मेदारी की ज़ंजीर से बचपन में, तभी ये नन्हे पॉवं रुकने का नाम नहीं लेते थे।

32- हर पहलु जीवन का बचपन में बस खेल लगता था, मैदान घर लगता था और घर जेल लगता था।

33- हर बात को बचपन में मज़ाक में लिया करते थे, इन नन्हे गुलाबी होठों को बस हसने का बहाना चाहिए होता था।

34- बचपन में कमा तो नहीं सकता था, पर खिलौने बहुत खरीदता था आज कमाता बहुत हूँ, पर खिलौने नहीं खरीद सकता।

35- माँ का वो गालों को चूमना, बालों को सवारना, वो हर शरारत पर प्यार, वो हर गलती पर मारना, “अब वापस कभी लौट कर नहीं आएगा।”

36- पंछी के पंखो से भी हल्का था बचपन, ना मुझ पर कोई ज़िम्मेदारी थी ना मैं ज़िम्मेदार था।

37- यह ज़िन्दगी खूबसूरत ना कहलाती अगर बचपन इसका हिस्सा ना होता।

38- बचपन की बेहद खूबसूरत बात यह थी की, इसका हर एक पल बेहद खूबसूरत होता था।

39- दुःख की बात है की बचपन में बचपना सभी को प्यारा लगता है, और जवानी में बचपना बचकाना लगने लगता है।

40- कागज़ की कश्तियों ने उस दिन से तैरना छोड़ दिया है जिस दिन से बच्चे ने बचपना करना ही छोड़ दिया।

41- बचपन में माँ से मिले दो रूपए जितने सपने खरीद सकते थे, आज खुद के कमाए लाखों रूपए भी उतने सपने नहीं खरीद सकते।

42- बचपन सा इन्साफ कहीं नहीं किया कुदरत ने बचपना इंसान का हो या जानवर का मासूम ही होता है।

43- एक वो बचपन था जब नन्हे क़दमों ने हर गली को अपने पैरों से नापा था एक आज है की, ऑफिस के कमरे से बहार नहीं निकल पाते।

44- बचपन की बरसात में हर कोई भीगा होगा पर कोई उस बरसात से बीमार नहीं हुआ।

45- बचपन में पलकों का वजन ही इतना हलका होता है की आँख बंद करते ही नींद आ जाती है, अब पलकों पर आंसुओ का वजन इतना बढ़ गया है की नींद आना भारी हो गया है।

46- राजा की तरह बचपन था मेरा, माँ की गोद मेरा सिंहासन हुआ करता था।

47- बचपन वो था जब खिलोने टूटने पर रोना आता था और जवानी वो है जब दिल टूटने पर भी रो नहीं पाते।

48- वो बचपन क्या बीता जब से, तब से सुकून का एक पल नहीं आया।

49- आज सात बजे बारिश तो हुई पर छुट्टी का बहाना बनाने के लिए स्कूल नहीं था।

50- माँ और मेरे रिश्ते में ज्यादा फ़र्क़ तो नहीं आया बस बचपन में माँ की डांट से नाराज़ हुआ करते थे, आज माँ की डांट से खफा हो जाते हैं।

51- किताबों की कविताएं बचपन की आज भी याद है, शायद इसीलिए याद हैं क्यूंकि याद रखने के लिए दिमाग पर ज़ोर नहीं डाला था।

52- हर किसी की गोद में बैठता है हर कोई सर पर चढ़ाता है, गम तो बार बार आते हैं ज़िन्दगी में पर बचपन ज़िन्दगी में बस एक बार आता है।

53- आज एक राही को राह में बैठे कुछ सोच कर मुस्कुराते देखा मैं समझ गया ज़रूर उसे उसका बचपन याद आया होगा।

54- पूछा जब किसी ने मुझसे की फ़र्क़ क्या है बचपन और जवानी में? मैंने हस कर कहा खिलौने किसके पास ज्यादा हैं बचपन में इसकी हौड़ लगी रहती थी, और दौलत किस पर ज्यादा है जवानी में इसकी हौड़ लगी रहती है।

55- जज़्बा बचपन का वो कहाँ खो गया ज़िन्दगी में, जब पतंग भी उड़ानी थी तो सबसे ऊंचाई पर।

56- आज भी मैदान तो है पर उन पर खेलता कोई बच्चा नज़र नहीं आता बच्चे तो आज भी है पहले की तरह बस उनके अंदर अब बचपना नज़र नहीं आता।

57- मुस्कुराने का मन करता है तो बचपन को याद कर लेता हूँ और रोने का मन करता है तो अपनों को याद कर लिया करता हूँ।

58- काफी रोता था बचपन में एक छोटी सी खंरोच पर आज दिल भी टूट जाता है तो आँखों को पता नहीं लगने देता।

59- खेल खेलने का कोई वक़्त नहीं था हर जगह हमारा ही मैदान था, अनजान था तभी बड़ा होने की ज़िद्द पकड़ी थी क्या करू नादान था।

60- हाथ गंदे रहते थे मिटटी से पर दिल साफ़ होता था सारी गलती मेरी होती थी पर फिर भी सब माफ़ था।

61- बचपन जब तक था तब तक सिर्फ इतना पता था की सिर्फ खिलौनो से खेला जाता है, बड़े हुए तो जाना भावनाओं से भी किसी की खेल सकते है।

62- जब तक बच्चे थे बोझ के डर से कोई सामान तक नहीं उठाने देता था, थोड़े बड़े क्या हुए घर की सारी ज़िम्मेदारियों का बोझ मेरे कंधो पर डाल दिया।

63- कल की फ़िक्र करने का वक़्त ही कहाँ था, मुझे तो बस छत पे पतंग उड़ाने के वक़्त की फ़िक्र थी।

64- आज भी रविवार हर रविवार को आता है पर पहले जैसा बच्चों का झुण्ड पार्क में दिखाई नहीं देता।

65- बच्चों की आँखों ने ख़्वाब देखना बंद कर दिया है, अब उनके सपने मोबाइल ही पूरे कर देता है।

66- बचपन का सुकून आज भी याद आता है, माँ के हाथों का खाना उनके ही हाथों से खाना आज बी याद आता है।

67- अगर ज़िन्दगी मौसमों का संगम है तो बचपन इसमें सबसे छोटा और सबसे सुहाना मौसम है।

68- आज कल हर बच्चे पर ऐसे बोझ बना रखा है, जैसे सबसे पहले वही बड़ा होने वाला है।

69- जाने कब बीत गए वो दिन बचपन के ना खबर हुई ना सबर हुआ।

70- इंसान जब बच्चा होता है तब शैतानियां कर के भी मासूम कहलाता है, पर जब बड़ा होता है तब मासूम रह कर भी शैतान कहलाता है।

71- बचपन में खिलौना ही खज़ाना था, पर उसे छुपाने के लिए तिजोरी पर खर्चा नहीं करना पड़ता था।

Childhood Friendship Quotes In Hindi

1- कन्धों पर बस्ते और कन्धों पर हाथ मैं दोस्तों संग अपनी धून में और दोस्त अपनी धून में मेरे साथ।

2- स्कूल की सजा भी मज़ा लगा करती थी दोस्तों के साथ में, कुछ तो बात ज़रूर थी उस बचपन की बात में।

3- ना कहाँ जा रहे हैं वो जगह पूछते थे, ना वहां जाने की वजह पूछते थे, बस दोस्त के साथ क़दम से कदम मिला कर उसके हाल-चाल पूछते थे।

4- क्या दोस्ती थी बचपन की हमारी, हमे मैदान का क्या पता लगा हम अपने घर का पता भूल गए।

5- मैदान में जमा हो कर जम कर खेलते थे, काश वो बचपन और वो दोस्ती फिर से लौट आए।

6- बचपन में दस रुपए भी दस दोस्त मिल कर खाते थे, पेट तो नहीं भरता था पर मुस्कुराहटों से ज़िन्दगी भर जाती थी।

7- चार दोस्त जो बचपन में हस कर मिला करते थे, आज वक़्त बीतने पर जब फ़ोन कर लो दफ्तर मिला करते हैं।

8- कीचड़ उछालते थे दोस्त बचपन में भी एक दूसरे पर, बस फ़र्क़ इतना होता थे वो बचपन में बारिश का पानी था।

9- दोस्तों की लड़ाई कट्टा-अब्बा कर के सुलझ जाती थी वो बचपन में बाते जुबां पर रखते थे दिल में रखने की आदत नहीं होती थी।

10- खेलने के लिए खिलौने कम बहाने ज्यादा होते थे, सुबह दोपहर शाम हर वक़्त हम चार दोस्त मैदान में होते थे।

11- बिलकुल नासमझ थी बचपन की दोस्ती, गुरूजी के एक के कान पकड़े जाने पर हर गलती का इलज़ाम सब मिल कर सर पर लेते थे।

12- मैं और मेरा दोस्त हर कोई हमे आवारा कहा करता था पर बचपने के चलते मासूमियत थी चेहरे पर, इसलिए हर कोई हमे प्यारा कहा करता था।

13- जन्मदिन की ख़ुशी तो बचपन में होती होती थी जब जन्मदिन पर पैसे कम और दोस्त ज्यादा हुआ करते थे।

14- बच्चों का दिल भी कितना साफ़ होता है सब खेलते एक साथ है धुप में, पर जलता कोई नहीं है।

15- मैदान में मना करते थे तो गली में खेलते थे, गली में मना हुआ तो छत पर खेलते थे, बचपन में खेलने का फितूर ही ऐसा था की घर में बैठना गवारा नहीं था।

16- एक दोस्तों की कामियाबी पर हर दोस्त को नाज़ होता था, वो बचपन की सरलता इतनी सरल कैसे थी ये भी एक राज़ हुआ करता था

Poor Child’s Childhood Quotes In Hindi

1- वो अखबार बेचता हुआ बच्चा अपना बचपना दाव पर लगा कर क्या खूब पैसे कमा रहा था।

2- अपनी उम्र से अनजान वो बच्चा खेलने की उम्र में खिलौने बेच रहा था।

3- वो बच्चा मजबूर मज़दूर का है, उसका बचपन भी हमारी जवानी से भारी है।

4- बचपन भी सब बच्चों का एक सा नहीं होता एक बच्चा कंचे खेलने जा रहा है, तो दूसरा कंचों के कारखाने जा रहा है।

5- दो बच्चे, दोनों की उम्र एक पर दास्ताँ अलग, एक बच्चा खाना कूड़े में फेंक रहा है और एक बच्चा कूड़े से खाना ढूंढ कर खा रहा है।

6- कमाल होता है उन गरीब बच्चों का बचपन भी वो चलना सीखते ही घर चलाना सीख लेते हैं।

7- चंद्रयान चाँद पर बैठा हुआ है और मेरे देश का बच्चा विद्यालय की कक्षाओं को छोड़ कर दूकान पर बैठा हुआ है।

8- उस बच्चे का तो बचपन भी जाया है जिसके नन्हे सर पर गरीबी का साया है।

9- हाल मेरे देश के बच्चों का कोई तो सुधार दो उसे किताब की दूकान पर बैठने से पहले कम से कम पढ़ना तो सीखा दो।

10- किसने कहा बचपन आज़ाद होता है वो बच्चा अपनी गरीबी के हालातों का गुलाम था।

11- नाम उस गरीब बच्चे का माँ-बाप ने विजय रखा था, पर अफ़सोस जीत से अभी भी काफी दूर था।

12- खिलौनों से खेलने की उम्र में उसे हर खिलोने का दाम पता था, कौन कहता है आज कल के बच्चो को पैसे की क़ीमत ही नहीं जानते।

13- पूरा दिन काम कर जेब उस बच्चे की चिल्लर से भरी हुई थी पर उसे खाने का वक़्त नहीं मिला इसलिए पेट खाली था।

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