
1- जब मुसीबतें साथ आई तो सभी ने साथ छोड़ दिया, हाथ मिलाने वाले हर दोस्त ने मेरा हाथ छोड़ दिया।

2- एक बात तो देख ली मैंने भी की दोस्ती तभी तक साथ रहती है जब तक तुम्हारा अच्छा वक़्त चल रहा हो या फिर तुम्हारे दोस्त का बुरा वक़्त चल रहा हो।

3- दोस्त, दोस्त बन कर अपना रिश्ता इतनी शिद्दत से नहीं निभाते जितना दुश्मन बन कर निभाते हैं।

4- इतनी जल्दी तो मौसम नहीं बदले जितनी जल्दी दोस्त बदल गए।

5- जो दोस्त पहले मिलने का बहाना ढूंढते थे, आज ना मिलने के लिए बहाने बनाते है।

6- प्यार में धोखे मिले तो बस दिल टूटता है पर दोस्ती में तो जान ही निकल जाती है।

7- देखे हैं मैंने ऐसे भी दोस्त जो बस हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाते है और मदद के वक़्त हाथ पीछे कर लेते हैं।

8- हमे दुश्मनों ने नहीं दोस्तों की दुश्मनी ने मारा है।

9- दोस्त तो बचपन से मिले थे अब बचपन के यार मिलते हैं।

10- ना जाने ऐसी क्या कमी है मेरे अंदर की जिस से भी हम गले मिलते हैं हमे उसी से शिखवे और गिले मिलते हैं।

11- वो दोस्त दुश्मनों से ज्यादा रुला देते हैं, जो मतलब के वक़्त याद कर के ज़रुरत के वक़्त भुला देते हैं।

12- रिश्ते निभाने का हुनर तो हमने दुश्मनों से सीखा है दोस्तों से तो बस दग़ाबाज़ी सीखी है।

13- कुछ दोस्तों ने इतनी बार धोका दे दिया है की अब दोस्तों पर से नहीं दोस्ती पर से विशवास उठ गया है।

14- मुझे समझने वाला दोस्त एक भी नहीं मिलता गलत समझने वाले लाखों मिल जाते हैं।

15- गले नहीं लगता अब मैं किसी दोस्त से क्यूंकि जानता हूँ ज्यादा क़रीब गया तो गला काट देंगे।
16- चलता रहेगा ये कारवां ज़िन्दगी का लोग दोस्त बनकर आएँगे और दुश्मनी निभाकर चले जाएंगे।
17- अगर गिर जाऊं तो उठाने कोई दोस्त नहीं आता पर अच्छे वक़्त में मेरा फायदा उठाने हर कोई आ जाता है।
18- अच्छा इंसान वही है इस दुनिया में जिसका नौकर पुराना हो और जिसका दोस्त पुराना हो।
19- मेरी ज़िन्दगी में एक किस्सा मशहूर हो गया है जिसे भी दिल से चाहा है वो दिल से दूर हो गया है।

20- आज कल कौन किसका सगा है साहब हर दोस्ती के पीछे एक वजह है साहब।
also read:-
21- इतिहास गवाह रहा है जो दोस्तों पर मरते है उन्हें दुश्मन नहीं दोस्त ही मारते हैं।
22- सुख में साथ खड़े रहने वाले दोस्त बहुत हैं यहां, पर अफ़सोस दुःख में साथ खड़ा रहने वाला कोई भी दोस्त नहीं हैं यहां।
23- कभी इम्तेहान मत लेना दोस्तों की दोस्ती का वरना इम्तेहान में नाकाम वो हो जाएंगे और दुःख तुम्हे होगा।
24- कैसे कर लूँ भरोसा फिर से दोस्ती पर जब अच्छे वक़्त में हाथ मिलाने वाले दोस्त ही बुरे वक़्त में हाथ जोड़ लेते हैं।

25- हज़ार बार आज़मा कर मैं इस फैसले पर पहुंचा की दोस्त नहीं दोस्ती दगाबाज़ होती है।
26- अब क्या कहूँ उन दोस्तों के बारे में जिन्होंने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा।
27- सच्चाई तो ये है की सबके पास दोस्त बहुत सारे होते हैं पर सच्चा दोस्त किसी के पास एक भी नहीं होता।
28- दोस्त कभी अपनी दोस्ती आज़मा लेना वो तुम्हे दोस्त कहने से भी इंकार कर देंगे।
29- ये दोस्ती का खेल भी शतरंज के खेल से कम नहीं साहब हर कोई यहाँ बस चाल चलता है।

30- जिन दोस्तों के साथ मैं दुश्मनों का मज़ाक बनाता था आज वही दोस्त मेरे दुश्मनों के साथ बैठकर मेरा मज़ाक बनाते हैं।
31- हमने दोस्ती में जी जान लुटा दी और हमारे दोस्तों ने हमे जी-जान से लूट लिया।
32- दोस्तों को कभी अपना भाई मत समझ लेना क्यूंकि वो सारे विभीषण होते हैं।
33- मुझे आज तक दोस्तों के होने पर भी दोस्तों की कमी रही पर उन्होंने कभी मुझे दुश्मनों की कमी महसूस नहीं होने दी।
34- दोस्त कोई नहीं है यहां सारे मतलब के यार हैं।

35- ऐसा नहीं की मेरे दोस्त मुझसे अब मिलने नहीं आते बस फ़र्क़ इतना है पहले बेवक़्त आ जाते थे और अब काम के वक़्त आ जाते हैं।
36- वो जो तुम्हारी जान पहचान के हैं वो तुम्हारे दोस्त नहीं बस तुम्हारे जानने वाले हैं।
37- दोस्त जितने भी आते है हाल-चाल पूछने के बहाने, असल में वो आते हैं औकाद पूछने के बहाने।
38- सच्ची दोस्ती बस बचपन में होती है और वो इसलिए क्यूंकि वो बचपना होता है।
39- दिल लगाने वालों को अक्सर दिमाग लगाने वाले ही मिलते हैं।
40- सबसे सस्ते वादे दोस्ती के होते है जो किए ही टूटने के लिए जाते हैं।
also read:-
Nitish sundriyal is a co-founder of bookmark status. He is passionate about writing quotes and Stories. Nitish is also a verified digital marketer (DSIM) by profession. He has expertise in SEO, Social Media Marketing, and Content marketing.