shaam shayari

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shaam shayari in hindi

1- सूरज डूबे बिना चाँद निकलता है, जब तुम हर सुबह अपना चेहरा खिड़की के बहार निकालती हो।

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2- शाम ढल रही है रात हो रही है, तेरी याद और मुझे छोड़ कर पूरी कायनात सो रही है।

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3- ढलता सूरज धीरे ढीरे ढालना है ढल जाएगा।

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4- जो आज गिर गया है एक दिन संभालता ज़रूर है, दिन अच्छा हो या बुरा ढलता ज़रूर है।

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5- तुम धीरे धीरे इतनी दूर चले गए जितनी दूर सूरज चला जाता है शाम ढलते वक़्त।

6- मत गर गुरूर ऐ हुस्न पर मलिका, जब सूरज खुद को ढलने से ना रोक सकता तो फिर तेरी ख़ूबसूरती क्या चीज़ है।

7- मेरी आँखों के आगे से सूरज ढला जब, मेरी आँखों ने तब कई अंधेरे देखे।

8- तेरी याद में बर्बाद नाजाने कितनी शाम की है मैंने, कुछ यूँ ही अपनी ज़िन्दगी तमाम की है मैंने।

9- सूरज थोड़ी देर अब और ठहर जा, अभी आँखें तैयार नहीं है अँधेरा देखने को।

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10- घटा काली ऐसी ज़िन्दगी में छाई रही, दिन तो हुआ मगर मेरे आँगन तक धुप आई नहीं।

11- ये वक़्त बालू की रेत की तरह है जितना कसके पकड़ो उतनी छूट जाएगी, जवानी ढलते सूरज की तरह है, शाम होने दो डूब जाएगी।

12- चाँद का पक्का आशिक है सूरज, रोज़ जल्दी डूब जाता है चाँद आने के इंतज़ार में।

13- जो आया था कभी आज चल गया, जो रोशन था सूरज की तरह आज ढल गया।

14- शामें तो गुज़र जाती है जैसे तैसे, करके, तेरी याद में कम्बख्त ये रातें नहीं गुज़रती।

शाम शायरी इन हिंदी

15- अतीत के कुएं में झांकते झांकते ना जाने कब मेरे ज़िन्दगी का सूरज ओझल हो गया।

16- सूरज जब निकल रहा होता है और ढल रहा होता है हालात और मौसम कुछ एक से ही होते है।

17- सूरज उतरता है तो चाँद चढ़ता है, जब एक थम जाता है तो दूसरा बढ़ता है।

18- बचपना ढला खूबसूरत शाम की तरह, फिर जवानी आई मेरी ज़िन्दगी में रात बनकर।

19- हर ढलता सूरज पैगाम ला रहा है ज़िन्दगी में मेरी रात होने वाली है।

शाम शायरी २ लाइन्स

20- किसी की ज़िन्दगी में रात को ही सवेरा हो गया, किसी की ज़िन्दगी में वक़्त हो गया मगर उजाला नहीं हुआ।

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21- ऐसा नहीं की तेरी याद में मैं अपनी शामें बीतता नहीं, दर्द सभी के पास होता है बस कोई कोई दिखता नहीं।

22- जिस तरह सूरज डूबता है कुछ इस तरह ही डूबे रहते हैं हम यादों में तेरी।

23- सुबह सी रौशनी शाम सी डूबती आस और रात सा अँधेरा ये ज़िन्दगी तुम्हे हर दिन दिखाएगी।

24- आँखों ने ढूंढ लिया है सही वक़्त रोने का, अब आंसू तब निकलते हैं जब सूरज डूबता है।

25- मुसीबतों के बादल जितने मर्ज़ी आ जाए सूरज को निकलने से कोई रोक नहीं सकता।

26- ढलने लगी थी जब सूरज सी उम्मीद तेरे आने की हम समझ गए थे रात कहीं नज़दीक ही है।

27- शाम तक सुबह की नज़रो से उतर जाते हैं, इतने समझौते पर जीते हैं की मर जाते हैं।

28- आज एक शाम ढल गई तो क्या हर्ज़ है, कल फिर एक सूरज उगेगा तू देख लेना।

29- भूल जाया कर जो बीती बात होती है, हर सुबह एक नई शुरुवात होती है।

30- शाम तेरी ना हुई तो गम कैसा कल सवेरे को तू अपने नाम कर लेना।

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