
1- अजीब दस्तूर है हमारे संग ज़िन्दगी का हम जैसे ही खुद को दूसरों पर भरोसा करने का मौका देते है वही लोग हमे धोका देते है।

2- हमारे चाहने वालों से हमे बस यही गिला है, जिसे चाहा है उसी से धोका मिला है।

3- यकीनन गलती तुम्हारी नहीं की तुमने हमे धोका दिया तुम भी तो इंसान ही हो गलती तो हमारी थी हमने तुम्हे खुदा समझ लिया।

4- रिश्तों का मेरे कुछ ऐसा मंज़र है, जुबां पर सब गले लगते है मुड़ते ही मेरे खोपते पीठ पर खंजर है।

5- जब से तुझ से बिछड़ गया हूँ, टूट गया हूँ बिखर गया हूँ।

6- बड़ी ज़ालिम है ये रीत धोकेबाज़ी की इसमें धोका देने की सजा धोका देने वाले को नहीं धोका खाने वाले को मिलती है।

7- जिस जिस को मेरे क़रीब आने का मौका मिला है मुझे हर उस शख्स से धोका मिला है।

8- वो पुरानी खिलाड़ी थी धोकेबाज़ी के शतरंज की मैं ही उसके लिए मोहरा नया था।

9- मैं हैरत नहीं क़िस्मत के पलटने से उसका तो मिजाज ही ऐसा है, मुझे दुःख तो तुम्हारी बात पलटने पर हुआ।

10- ज्यादा फ़र्क़ नहीं उसमे और मौसम में दोनों वक़्त देख पलट गए।
11- दिक्कत ये थी की मैं उसके लिए खुली तंदूर हो गया, उसने भी अपनी रोटी सेखी और मुझसे दूर हो गया।
12- ऐसा क्यों होता है की जिसे भी मैं दिल में जगह देता हूँ कम्बख्त वही शख्स मुझे दगा देता है।
13- जिसकी क़िस्मत में रोना लिखा होता है उसके तो ख़ुशी में भी आंसू निकल आते हैं।
14- तेरे जाने के बाद अब ज़िन्दगी में कुछ भी हसीन नहीं रहा, तुझे खुदा बनाने के बाद तो अब मुझे खुदा पर भी यकीन नही रहा।

15- जो सही के साथ गलत करते हैं वो उनके लिए नहीं अपने लिए गलत करते हैं।
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16- अपनों से धोका मिलता है जनाब वरना गैरों पर आखिर यकीन कौन करता है।
17- अक्सर वही पीठ पर वार करते हैं जो कहते हैं की वो हमसे प्यार करते हैं।
18- तुम पहला रिश्ता नहीं हो मेरा जिसने धोका दिया है मुझे कुछ अलग बात तो तब होती जब तुम सारी ज़िन्दगी मेरे साथ होती।
19- वाह मेरे चाहने वाले तूने क्या काम किया है, खुद धोका देकर सारे ज़माने में मुझे धोकेबाज़ का नाम दिया है।

20- जितनी सफाई से उसने मुझसे बेवफाई की है इतनी सफाई से तो लोग सफाई भी नहीं करते।
21- लड़ाई थी मेरी मेरे बिगड़े मुक़द्दर से, मैंने दिल जो लगाया था पत्थर से।
22- उसकी चाहत में मैंने क्या क्या नहीं देखा, पर रोया सिर्फ उस दिन जब धोका दे कर मेरी तेरी तरफ मुड़कर भी नहीं देखा।
23- वो पहला नहीं था जिसने मुझे धोका दिया था पर उस पर यकीन इतना था की उसने मुझे चौंका दिया था।
24- जिस जिस पर भी हमने आँख बंद कर भरोसा किया है आलम ऐसा रहा है की हर उस शख्स ने हमारी आँखे खोल कर रख दी है।

25- ये बात अब ज्यादा राज़ नहीं है हर धोकेबाज़ आज कल यही कहता फिरता है की वो औरों की तरह धोकेबाज़ नहीं है।
26- किसने कहा की हम झूठ नहीं बोलते एक दफा हमारी खैरियत पूछ कर तो देखो।
27- मुझे गिरने पर आज तक किसी ने नहीं उठाया पर मेरी मजबूरी का फायदा सभी ने उठाया है।
28- आज मैं रो रहा हूँ तेरे लिए तू कल किसी और के लिए रोएगा इतना समझ ले वक़्त के पन्ने पलटते ज्यादा देर नहीं लगती।
29- एक दिन गुस्से में पूछा ज़िन्दगी ने मेरे पास आ कर, बोली क्या पा लिया धोके के सिवाय उसके पास आकर।

30- जो दिखाई देता है वो हमेशा सच नहीं होता, किसी के आँखें धोके में है तो किसी की आँखों में धोका है।
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31- अब और भूख नहीं मुझे मोहोब्बत की मैंने एक बार धोका खा कर ही पेट भर लिया है।
32- गैर नसीहत देते हैं और अपने साथ तक नहीं देते, जब गिर जाता है इंसान मुसीबत के गड्ढे में उसके अपने उसे हाथ तक नहीं देते।
33- मेरे अपने बहुत है पर उनमे से मेरा अपना कोई भी नहीं है।
34- अब नीचे देख के चलता हूँ रास्तों पर, कहीं कोई दो मुँह वाला दोस्त सांप बन कर डस ना ले।

35- धोका जो तुम ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर किसी को दे कर आए हो याद रखना वही धोका तुम्हे ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर किसी और से ज़रूर मिलेगा।
36- धोका खाने वाले को बस गम मिलता है नुक्सान तो उसका होता है जिसने एक छोटे से धोके की वजह से अपना खो दिया।
37- बिछड़ कर भी बिछड़ा नहीं हु तुमसे अब तो तभी बिछड़ पाउगा जब साँसे बिछ्ड़ेगी हमसे।
38- गलती तेरी नहीं जो तूने मुझे धोका दिया गलती तो मेरी है जो तेरे गैर होने बावजूद भी तुझे मुझे अपनाने का मौका दिया।
39- अब धुंदली दिखती है हर रिश्ते की नीव मेरे अपनों ने मेरी आँखों में धुल जो इतनी झोंकी है।

40- उम्मीद की बनावट ही कांच की होती है उसका टूटना तो उसके बनने से पहले ही तय होता है।
41- मत पूछ मैंने क्या-क्या देखा है बस अंदाजा लगा ले ये जान कर की मैंने अमीर से अमीर का ज़मीर भी बिकते देखा है।
42- हर अपना यहाँ सपने की तरह है जब आँख खुलती है तो ख़्वाब और भरोसा एक साथ टूट जाता है।
43- आँखे बंद कर इन रास्तों पर भरोसा मत करना जनाब ये तुम्हे वहां ले जा कर छोड़ेंगे जहाँ तुम कहीं के नहीं रह जाओगे।
44- जिस्म राख है ज़िन्दगी बस एक ख़्वाब है, असली चेहरा नहीं ये जो सामने से दिखता है ये सब फरेब है सब नकाब है।
45- जानता था धोका मिलेगा उस से एक दिन पर इसके बावजूद भी हर दिन मैंने उस पर आँख बंद कर भरोसा किया।
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46- ज़िन्दगी में ये सबक अनोखा मिलता है, जिसे चाहो तहे दिल से उसी से धोका मिलता है।
47- धोका देती है शरीफ चेहरों की चमक अक्सर हर कांच का टुकड़ा हीरा नहीं होती।
48- हम दोनों को ही मौके मिले फ़र्क़ इतना था हमने मौका मिलते ही अपनी चाहत का इज़हार किया और उन्होंने मौका मिलते ही हमे धोका दे दिया।
49- काफी देखे होंगे तुमने आंसू ख़ुशी के कभी मिलो हम तुम्हे गम की हंसी दिखाएंगे।
50- धोका तो क्या तुम ज़हर भी देते तो हम ख़ुशी ख़ुशी खा लेते।

Manish mandola is a co-founder of bookmark status. He is passionate about writing quotes and poems. Manish is also a verified digital marketer (DSIM) by profession. He has expertise in SEO, GOOGLE ADS and Content marketing.