
1- वो दिन भी क्या खूब होगा, जब तेरे हाथ की मेहँदी में मेरा नाम होगा।

2- इश्क़ तो वो हमसे करते थे लेकिन अपने हाथ में मेहँदी वो किसी और के नाम की रचा के बैठे थे।

3- तेरे हाथ की मेहँदी कुछ इस तरह जच रही हैं जिस तरह हम एक साथ जचते है।

4- हमने भी तुम्हारे नाम की मेहँदी लगा ली है, अब बस आपका हमारे घर में आना बाकी है।

5- ये हाथो की लकीरे भी आज बहुत खुश है, क्योंकि इसमें भी आज तेरा नाम लिखा जा रहा है।
6- वो वहा अपनी शादी की मेहँदी रचा रहे है, और हम यहां आंसुओं में अपनी रात बिता रहे हैं।
7- आज उसके नाम की मेहँदी लगा रही हूँ मैं, जिससे सबसे ज्यादा महोब्बत करती हूँ मैं।
8- आज इस दिल की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं है क्योंकि हमारे नाम की मेहँदी उनके हाथो में
9- अगर उनकी महोब्बत कमाल की ना होती, तो मेरे हाथ की मेहँदी आज यूह लाल ना होती।

10- मेहँदी लगाते वक्त वो मुस्कुरा रही थी, और यहां हमारे आँखों से नमी आ रही थी।
11- आज उनकी मेहँदी की रस्म का दिन है, और हमारी बर्बादी का दिन है।
12- दिल तो उन्होंने हमसे लगा रखा है, लेकिन अपनी हाथो की मेहँदी में नाम किसी और का लिखवा रखा है।
13- कुछ इस तरह उन्होंने हमारे नाम की मेहँदी अपने हाथो पर रचाई है की पूरी जिंदगी निकल जाएगी नाम मिटाते-मिटाते।
14- अगर हो सके तो मुझे अपने हाथो की लकीरो में बसा लियो, अगर ये ना हो सके तो अपने हाथो में मेरे नाम की मेहँदी रचा लियो।

15- मेहँदी का रंग तो एक समय बाद उतर ही जाता है लकिन इश्क़ का रंग सालो साल तक नहीं उतर पाता।
16- मेहंदी का रंग तो कुछ दिनों में मिट जाता है इश्क़ का रंग तो मौत के साथ ही जाता है।
17- तुम्हारी थी शरारत मेहंदी से हथेली पे नाम लिखना, और मुझे रुसवा कर दिया तुम ने यूंही खेलते खेलते।
18- हम चाहत के अफसाने लिखते रहे, वो भी हमे दूर से देखते रहे, जब हमने इजहार करने को हाथ थामा, तो मेंहदी से रंगा उनका हाथ पाया।
19- उनके हाथों पे मेहंदी का हम ये फायदा हुआ, के रातभर उनके चेहरे से जुल्फे हम हटाते रहे।
20- कैसे भूल जाऊँ मैं उसको, जो चाहता है इस कदर, हथेली की मेहंदी में लिखा है, उसने मेरा नाम छिपाकर।
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21- तेरे माथे की बिंदिया चमकती रहे तेरे हाथों की मेहँदी महकती रहे तेरे जोड़े की रौनक सलामत रहे तेरी चूड़ी हमेशा खनकती रहे।
22- मेहँदी वाले हाथ वो तेरे पायल वाले पांव, याद बहुत आते हैं मुझको तू और अपना गाँव।
23- दुल्हन बनकर एक दिन तू जा रही होगी तेरे हाथों में मेहँदी भी रची होगी उस दिन तेरी आँखों में मेरे लिए प्यार तो नही होगा पर उस दिन के बाद तू भी मेरे लिए रो रही होगी
24- कुछ और जज्बातो को बेताब किया उसने आज मेहंदी वाले हाथो से आदाब किया उसने।
25- मुझे भी फ़ना होना था, तेरे हाथों की मेहँदी की तरह, ये गम नहीं मिट जाने का, तू रंग देख निखरा हूँ किस तरह।
26- वो मेहंदी के हाथों में क्या तराशेंगे नाम हमारा, जब नाम ही छुपा लिखा है उनके हाथों में।
27- मेहँदी के पत्ते जैसा हो जाना चाहता हूँ, मिटकर भी खुशियाँ दे जाना चाहता हूँ।
28- किस्मत की लकीरें भी आज इठलाई है, तेरे नाम की मेहँदी जो हाथों अपर रचाई है।
29- ज़ुल्फ बिखेरे उसकी मोहब्बत मुझे नुमाइश सी लगती है, उसके हाथों पे लगी मेहंदी मुझे पराई सी लगती है।
30- खुदा ही जाने क्यूँ तुम हाथो पे मेहँदी लगाती हो, बड़ी नासमझ हो फूलों पर पत्तों के रंग चढ़ाती हो।

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