
1- ए खुदा मेरी बस इतनी दुआ कबूल करियो की अगर मुझे वो ना मिले तो मुझे सरे आम मौत दे दियो।

2- ना जाने हमसे ऐसी क्या गुस्ताखी हो गयी की उन्होंने हमारी हस्ती खेलती जिंदगी मौत की तरह बना दी।

3- चलो आज हम तुमसे एक वादा करते है जब तक तुम साथ रहोगी तब तक हम अपनी जिंदगी तुम्हारे संग खुलकर जियेंगे और अगर तुम हमसे दूर हो गयी तो कसम खुदा की हम उसी दिन मौत को अपने गला लगा लेंगे।

4- एक वक्त का जब हमें बस तुमसे मिलने का इंतज़ार रहता था और आज एक वक्त हैं जब हमें बस मौत का इंतज़ार रहता है।

5- आज जो लोग मुझसे रूठे हुए है कल मेरी मौत के बाद यही लोग मेरी याद में रोयेंगे।
6- मौत भी हमें उसी दिन आएगी जब तुम हमसे हमेशा के लिए दूर हो जाओगी।
7- वादे तो उन्होंने हमसे हजारो किये थे पर निभा एक भी ना पाए उनकी बेरूखी के बाद हमारी बस एक ही ख्वाहिश हैं की हमें मौत मिल जाये।
8- काश मेरी बस एक दुआ कबूल हो, अपने माँ-बाप की सभी ख्वाहिशे पूरी करने से पहले मुझे मौत नसीब ना हो।
9- जब किसी शक्श को उसका ही कोई अपना धोखा दे जाता है, तब वह शक्श एक जिन्दा लाश बन जाता है।

10- हर दिन जियो तो बस अपना आखरी दिन समझकर यारो, क्योंकि मौत कब नसीब हो जाये यह किसी को पता नहीं होता।
11- जब से हमें उनसे दगा मिली है तब से हमारा प्यार पर से विश्वाश उठ गया है, मौत को गले लगा लेंगे पर अब किसी के प्यार को नहीं।
12- ऐ मौत अगर तुझे आना हैं तो अभी आजा, इस जहरनुम भरी जिंदगी से मुझे उठा लेजा।
13- ये वादा हैं खुद से की अगर तू नहीं मिलेगी तो मौत से मिलने में मैं ज्यादा देर नहीं लगाऊंगा।
14- जिस दिन से तुम मुझे छोड़कर गयी हो, कसम खुद की उस दिन घुट-घुट कर मैंने जी ये जिंदगी है।

15- प्यार में सब कुछ भुलाए बैठे हैं, चिराग यादों के जलाये बैठे है, हम तो मरेंगे उनकी ही बाहों में, ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।
16- न उड़ाओ यूं ठोकरों से मेरी खाके-कब्र ज़ालिम, यही एक रह गई है मेरे प्यार की निशानी।
17- मौत एक सच्चाई है उसमे कोई ऐब नहीं, क्या लेके जाओगे यारों कफ़न में कोई जेब नही।
18- एक दिन निकला सैर को मेरे दिल में कुछ अरमान थे, एक तरफ थी झाड़ियाँ… एक तरफ श्मशान थे, पैर तले इक हड्डी आई उसके भी यही बयान थे, चलने वाले संभल कर चलना हम भी कभी इंसान थे।
19- जिसकी याद में सारे जहाँ को भूल गए, सुना है आजकल वो हमारा नाम तक भूल गए, कसम खाई थी जिसने साथ निभाने की यारो, आज वो हमारी लाश पर आना भूल गए।

20- जनाजा रोक कर मेरा, वो इस अंदाज़ से बोले, गली हमने कही थी तुम तो दुनिया छोड़े जाते हो।
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21- चूम कर कफ़न में लपटे मेरे चेहरे को उसने तड़प के कहा, नए कपड़े क्या पहन लिए, हमें देखते भी नहीं’।
22- इश्क कहता है मुझे इक बार कर के देख, तुझे मौत से न मिलवा दिया तो मेरा नाम बदल देना।
23- ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ, एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा।
24- मौत को गले लगाने से हम डरते नहीं है, बस हमारे मरने के बाद तुम्हारा क्या होगा हम इस बात से डरते है।

25- आसमान के परे मुकाम मिल जाए, खुदा को मेरा ये पैगाम मिल जाए, थक गयी है धड़कनें अब तो चलते चलते, ठहरे सांसे तो शायद आराम मिल जाए।
26- जिनके कर्म अच्छे होते है उन्हें मौत भी बड़ी शानो शौकत से मिलती है।
27- मौत तो एक दिन सबको आनी ही है यारो, बस मरने से पहले कुछ ऐसा कर दिखाना की तुम्हारी मौत कभी भुला ना पाए ये जमाना।
28- चले आओ सनम बस आखिरी साँसें बची हैं कुछ, तुम्हारी दीद हो जाती तो खुल जातीं मेरे आँखें।
29- आज कर लो मुझे नजरअंदाज जितना करना है, एक दिन मेरी लाश में कफ़न डालने तुम्हे ही आना है।
30- कफ़न की गिरह खोल कर मेरा दीदार तो कर लो, बंद हो गई हैं वो आँखे जिन से तुम शरमाया करती थी।
Maut ka intezaar shayari
1-मौत भी ये कहकर पास ना आई मेरे, की इससे क्या लिपटूं ये तो पेह;इ से ही मारा हुआ है।
2- आँखें बंद भी करने का ज़माना कहाँ, लोग शमशान छोड़ देंगे मारा हुआ कह कर।
3- मौत के आने से पहले जो तू आ जाए हसी ख़ुशी गले लगा लूँगा मैं मौत को।
4- ज़िन्दगी तो गुमनाम रह गई मेरी मगर वादा है मौत मैं मशहूर पाउँगा।
5- ना मौत का डर बाकी रहा ना ज़िन्दगी की परवाह रही बाकी, एक तरफ अकेला मैं रहा और मेरी मोहोब्बत एक तरफ़ा रही बाकी।
6- ज़न्दगी से मिलकर मज़ा आया नहीं ख़ास, अब सुकून तब मिलेगा जब मौत मिलेगी।
7- मौत से खौफ मेरा उस दिन ख़त्म हो गया जिस दिन से मुझे ज़िन्दगी ने डरना शुरू कर दिया।
8- गिने चुने चार दिन बाकी है ज़िन्दगी के, ये भी दिल कमबख तेरे साथ गुज़ारना चाहता है।
9- मौत तू क्या ढूंढेगी भला मुझे अब मैं खुद तुझे अपना पता भेजता हूँ।
10- सच कफ़न सा मखमल कोई और गद्दा नहीं जो उसपर सो जाए वो फिर उठता ही नहीं।
11- मौत से डर उन्हें लगता है जिन्हे ज़िन्दगी से प्यार हो।
12- तेरी दस्तक भी ज़िन्दगी में मौत की तरह है, कब आ जाए कोई नहीं जानता।
13- मेरी ज़िन्दगी के जाने के बाद मैं मौत के आने का इंतज़ार कर रहा हूँ।
14- तंग आ गया जो तेरे रोज़ के इंतज़ार से मैं फिर हुआ यूँ की मैं मौत का इंतज़ार करने लगा।
15- तेरी याद का याराना मुझे रोज़ रुलाता है, दिल तेरे आने की ना खबर सुनकर रोज़ मौत को बुलाता है।
16- सुना है तुम तक़दीर देखने का हुनर रखते हो मेरे हाथ देख कर बताना पहले तुम आओगे या मौत।
17- मौत से मोहोब्बत अब इस क़दर बढ़ गई है की जहाँ नज़र आए उसे गले से लगा लूँगा।
18- मैं दीवान था सिर्फ दो ही चीज़ों का, एक तुझपे मरता था और दूसरा मौत पर।
19- हर शक़्स को रोका है मैंने अपने क़रीब आने से, तेरे बाद अब सीधा मौत को गले लगाऊंगा।
20- तेरे आने की आस ने साँसों को बरकरार रखा है वार्ना हम तो कब के मौत के पास चले जाते।

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