छोड़कर चला जाऊं अब तेरी यह दुनिया, मेरे दाता मुझको इतनी सी इज़ाज़त दे दे, मैंने पायी है नफरत सदा तेरी दी ज़िन्दगी से, मौत तो अब लगा ले गले, इतनी मोहब्बत दे दे।
हम उम्मीदों की दुनियां बसाते रहे; वो भी पल पल हमें आजमाते रहे; जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया; हम मर गए और वो मुस्कुराते रहे।
यहाँ गरीब को मरने की इसलिए भी जल्दी है साहब, कहीं जिन्दगी की कशमकश में कफ़न महँगा ना हो जाए।
मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम, गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।
मेरे मरने के बाद किसी को कोई ख़ास फ़र्क़ तो नहीं होगा; बस एक तन्हाई रोयेगी की मेरा हमसफ़र चला गया।
सूरत उसकी खयालों से क्यो जाती नहीं, नींद है आखों में मगर क्यों आती नहीं, वो साथ थे तो मौत का खौफ था मुझे, अब मैं तन्हा हु तो मौत क्यों आती नहीं।
मेरे मरने के बाद मेरी कहानी लिखना, कैसे बर्बाद हुई मेरी जवानी लिखना, और लिखना की मेरे होंठ खुशी को तरसे, कैसे बरसा मेरी आँखूं से पानी लिखना।
मौत मांगते है तो ज़िन्दगी खफा हो जाती है, जहर लेते है तो वो भी दवा हो जाती है, तु बता ऐ ज़िन्दगी तेरा क्या करू, जिसको भी चाहा वो बेवफा हो जाती है।
मेरे ज़ख्मो को हवा दे रहे हो, किस बात की यह सजा दे रहे हो, हमने तो कोई गुस्ताखी नहीं की, फिर क्यों मरने की बद्दुआ दे रहे हो।
मेरी रूह भी शायद भटकेगी दुनिया में, सुना है प्यार करने वाले मरते नहीं कभी क्या करेंगे जी कर हम बिन यार के खुदा, देख मरने से भी दिलवाले डरते नहीं कभी।
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जायेंगे, सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे, जितना जी चाहे सता लो मुझको, एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।
मुझे ना जीने की ख़ुशी हैं अब, और ना ही मरने का हैं गम, उनसे मिलने की दुआ भी नहीं करते हम, क्युकी अब हर शाम है उनकी यादो के संग।
सबने कहा इश्क़ दर्द है, हमने कहा ये दर्द कबुल है, सबने कहा इस दर्द के साथ जी नहीं पाओगे, हमने कहा इस दर्द के साथ मरना कबुल है।
ढूंढोगे कहाँ मुझको, मेरा पता लेते जाओ, एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा।
एक दिन निकला सैर को मेरे दिल में कुछ अरमान थे, एक तरफ थी झाड़ियाँ… एक तरफ श्मशान थे, पैर तले इक हड्डी आई उसके भी यही बयान थे, चलने वाले संभल कर चलना हम भी कभी इंसान थे।
आसमान के परे मुकाम मिल जाए, खुदा को मेरा ये पैगाम मिल जाए, थक गयी है धड़कनें अब तो चलते चलते, ठहरे सांसे तो शायद आराम मिल जाए।
मेरे मरने के बाद तुम पर एक इलज़ाम होगा कफ़न उठा के देख लेना मेरे होटों पर तेरा ही नाम होगा।
मौत को तो यूँ ही बदनाम करते हैं लोग, तकलीफ तो साली ज़िन्दगी देती है।
उनसे इश्क़ करने की हमें यह सजा मिली, अब ना मर सकते है और ना ही जी सकते हैं।
हम अपनी मौत खुद मर जाएंगे सनम, आप अपने सर क्यों इल्जाम लेते हो, जालिम है दुनिया ना जीने देगी आप को, आप क्यों अपनी जुबा से मेरा नाम लेते हो।
मिटटी मेरी कब्र से उठा रहा है कोई, मरने के बाद भी याद आ रहा है कोई, ए खुदा कुछ पल की मोहलत और दे दे, उदास मेरी कब्र से जा रहा है कोई।
काश जल्दी से वो दिन आये, हमरी इस दुनिया से अर्थी उठे और उनके चेहरे पर मुस्कान आये।
महोब्बत जरा सोच समझकर करना मेरे यारो, क्योंकि कभी-कभी महोब्बत भी जीना मुश्किल कर देती है।
हर ख़ुशी मेरी हराम है, ये ज़िन्दगी दर्द भरी शाम है || खुशिओ से क्या मेरा वास्ता, ये ज़िन्दगी बस यु ही तमाशा है।
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