25 best Krishna Shayari – (भगवान श्री कृष्ण शायरी)

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आज गुलशन का नज़ारा नायाब होगा. सबके गुलाबसे प्यारा मेरा गुलाबमेरा “कान्हा” होगा।

ए जन्नत अपनी औकात में रहना, हम तेरी जन्नत के मोहताज नही. हम श्री बांकेबिहारी के चरणों में रहते है, वहां तेरी भी कोई औकात नही

किसी की सूरत बदल गई किसी की नियत बदल गई, जब से तूने पकड़ा मेरा हाथ, “राधे” मेरी तो किस्मत ही बदल गई।

बाजार के रंगो में रंगने की मुझे जरुरत नही मेरे कान्हा की याद आते ही ये चेहरा गुलाबी हो जाता है।

सुध-बुध खो रही राधा रानी इंतजार अब सहा न जाएँ कोई कह दो सावरे से वो जल्दी राधा के पास आएँ।

कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा पूरे खत में सिर्फ कान्हा-कान्हा नाम लिखा।

कोई प्यार करे तो राधा-कृष्ण की तरह करे जो एक बार मिले, तो फिर कभी बिछड़े हीं नहीं।

राधा-राधा जपने से हो जाएगा तेरा उद्धार क्योंकि यही वो नाम है जिससे कृष्ण को प्यार।

तेरे सीने से लग कर तेरी धङकन बन जाऊँ तेरी साँसो मेँ घुल कर खुशबू बन जाऊँ हो न फासला कोई हम दोनो के दरम्याँ मैँ …मैँ न रहुँ साँवरे.. बस तुँ ही तुँ बन जाऊँ।

राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था दुनिया को प्यार का सही मतलब जो समझाना था

कर भरोसा राधे नाम का धोखा कभी न खायेगा हर मौके पर कृष्ण तेरे घर सबसे पहले आयेगा जय श्री राधेकृष्ण।

फूलो में सज रहे है श्री वृंदावन बिहारी और साथ सज रही है वृषभानु की दुलारी टेड़ा सा मुकुट रखा है कैसे सर पर करुणा बरस रही है करुणा भरी निगाह से बन मोल बीक गयी हु जबसे छबि निहारी फूंलों मे सज रहे है श्री वृंदावन बिहारी

“राधा” के सच्चे प्रेम का यह ईनाम हैं कान्हा से पहले लोग लेते “राधा” का नाम हैं।

मधुवन में भले ही कान्हा किसी गोपी से मिले मन में तो राधा के ही प्रेम के हैं फूल खिले।

राधा की चाहत है कृष्ण उसके दिल की विरासत है कृष्ण चाहे कितना भी रास रचा ले कृष्ण दुनिया तो फिर भी यही कहती है राधे कृष्ण राधे कृष्ण।

राधा कहती है दुनियावालों से तुम्हारे और मेरे प्यार में बस इतना अंतर है प्यार में पड़कर तुमने अपना सबकुछ खो दिया और मैंने खुद को खोकर सब कुछ पा लिया।

प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती हैं राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती हैं।

मटकी तोड़े, माखन खाए फिर भी सबके मन को भाये राधा के वो प्यारे मोहन, महिमा उनकी दुनिया गाये।

दे के दर्शन कर दो पूरी प्रभु मेरे मन की तृष्णा कब तक तेरी राह निहारूं, अब तो आओ कृष्णा।

हर पल आंखों में पानी हैं क्योंकि चाहत में रुहानी हैं मैं हूँ तुझसे, तू हैं मुझसे, अपनी बस यही कहानी हैं।

मटकी तोड़े, माखन खाए फिर भी सबके मन को भाये, राधा के वो प्यारे मोहन, महिमा उनकी दुनिया गाये।

प्यार दो आत्माओं का मिलन होता हैं, ठीक वैसे हीं जैसे प्यार में कृष्ण का नाम राधा और राधा का नाम कृष्ण होता हैं।

कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा पूरे खत में सिर्फ कान्हा-कान्हा नाम लिखा।

राधा के हृदय में श्री कृष्ण राधा की साँसों में श्री कृष्ण राधा में ही हैं श्री कृष्ण इसीलिए दुनिया कहती हैं राधे-कृष्ण राधे-कृष्ण।

एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरी जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी।

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