
1- सब कह देते हैं की तुझे जानता हूँ मैं कोई ये नहीं कहता की समझता हूँ मैं।

2- चाहत चाहकर भी मिल ना सकी, वो मिलती तो थी मुझसे पर वो मुझे मिल ना सकी।

3- मुझे मोहोब्बत थी उसे नशा था बस, मेरा दिल लगा रहा उसमे पर मैं उसके सर से उतर गया।

4- गलती कर दी उसे खुदा मान कर, आज खुदा पर से विशवास उठ गया उसे खुदा मान कर।

5- तकलीफ नहीं हुई हमे खुद को तकलीफ में देख कर, तकलीफ तो तब हुई जब वो खुश थे हमे तकलीफ में देख कर।

6- ख्वाब हो ख्याल हो या सवाल हो, हर जगह वो ही है अब कोई तो मुझे संभाल लो।

7- तुझ से नहीं खुद से खफा हूँ, खुद से की गई मोहोब्बत में मैं खुद ही बेवफा हूँ।

8- मेरे दिलो-दिमाग मुझे बर्बाद करते हैं, ना जाने क्यों हमे ये बर्बाद करते हैं।

9- नशा था तेरे प्यार का अब उतर गया है तो सुधर गया हूँ।

10- अजीब सा दर्द है इन दिनों यारों, न बताऊं तो ‘कायर’, बताऊँ तो ‘शायर’।
11- अपने ख्याल को पन्नो पर जो लिखता रहा, हर अलफ़ाज़ में मेरे मुझे तू ही दिखता रहा।
12- सोचता रहा ये रातभर करवट बदल-बदल कर, जानें वो क्यों बदल गयी, मुझको इतना बदल कर।
13- चाहता हूँ मैं की तू भी चाहे मुझे जैसे मैं चाहता हूँ तुझे, पर जानता हूँ मैं भी की हर ख़्वाब सच नहीं होता।
14- कहानी तो मोहोब्बत की सभी की होती है, किसी की पूरी होती है किसी की अधूरी होती है।

15- वो समझते हैं मैं बदल गया हूँ, पर नासमझ था पहले अब समझ गया हूँ।
16- हम सोचते थे की लफ्ज़ ही चोट करते हैं, पर कुछ खामोशियों के जख्म तो और भी गहरे निकले।
17- चाहकर भी उसे भुला नहीं पाते हर याद मेरी मुझे उसकी याद दिलाती है।
18- ऐसा नहीं की मैं कुछ समझता नहीं हूँ बस मैं अब कुछ कहता नहीं हूँ।
19- जिसके हज़ार चाहने वाले थे उसे हमारी नाराज़गी से फ़र्क़ क्या पड़ेगा जब उसे मेरी खबर ही नहीं।

20- तकलीफ तो है पर बताने का मन नहीं किसी को।
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21- बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे, एक शहर अब इनका भी होना चाहिए।
22- तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे, उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ।
23- ज़िन्दगी का कारवा मेरा भी संभल जाता, अगर मुझे भी कोई ऐसा मिलता जो मुझे समझ पाता।
24- मेरे हर दर्द पर वो मुस्कुराते हैं हम तो उन्हें चाहते हैं पर ना जाने वो हमसे क्या चाहते हैं।

25- दर्द छुपा कर रखूँ भी तो कहाँ ना किसी दिल में जगह है ना किसी महफ़िल में जगह है।
26- उसे जो मेरे दर्द का एहसास होता इतना दूर नहीं वो आज भी मेरे पास होता।
27- हालात फिर कुछ ऐसे हो गए की ना वो समझे हमे और ना हमने उन्हें समझाने की कोशिश की।
28- हालत बयां नहीं कर पाते अलफ़ाज़ कभी-कभी खामोशी धीरे से सब कुछ कह जाती है।
29- साथ चाहे कोई भी हो तेरे मुसीबत में कोई तेरा साथ नहीं देगा।
30- यक़ीन दिल और वादों की बनावट ही ऐसी होती है उनका टूटना उनके बनने से पहले ही तय होता है।
31- धुंध इतनी है इन ज़िन्दगी की राहों में की यहाँ अपना मुझे कोई नज़र नहीं आता।
32- मैंने आवाज़ तो लगाई पर उसने मुड़ कर नहीं देखा समझ ये नहीं आया की उसने मुझे सुना ही नहीं या फिर अनसुना कर दिया।
33- कभी-कभी लगता है तू कभी मेरा था ही नहीं, कभी-कभी लगता है जो तेरे साथ उगता सूरज देखा था वो सवेरा था ही नहीं।
34- सोच समझ कर रूठियेगा जनाब मनाने का रिवाज़ अब बचा कहा है ज़माने मै
35- छोड़ दिया अब उनका साथ मैंने जो साथ तो रहते हैं पर साथ नहीं देते।
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Manish mandola is a co-founder of bookmark status. He is passionate about writing quotes and poems. Manish is also a verified digital marketer (DSIM) by profession. He has expertise in SEO, GOOGLE ADS and Content marketing.