
1- मंजिल केवल उन्ही लोगो को मिलती है जिनके हौसलों में सबसे ज्यादा जान होती हैं।

2- अगर खुद के चुने हुए मार्ग पर चलोगे तो अपनी मजिल को जरूर पा लोगे।

3- हर सपने को अपनी साँसों में रखे, हर मंज़िल को अपनी बाहों में रखे, हर जीत आपकी ही है, बस अपने लक्ष्य को अपनी निगाहों में रखे।

4- किस्मत कभी भी आपको आपकी मंजिल तक नहीं ले जाएगी, बल्कि आपकी मेहनत और निष्ठां आपको आपकी मंजिल तक ले जाएगी।

5- चलता जा बस मत सुन किसी की भी, खुद पर भरोसा रख अपनी मंजिल तक जरूर पहुंचेगा तू भी।

6- अगर तेरे इरादे दमदार हैं तो खुदा कसम तुझे तेरी मंजिल मिलना बिलकुल तय है।

7- रास्तों पर निगाह रखने वाले भला मंज़िल कहाँ देख पाते हैं मंज़िलों तक तो वही पहुँचते हैं जो रास्तों को नज़रअंदाज़ कर जाते हैं।

8- किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल; कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा।

9- एक ना एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंज़िल, ठोकरे ज़हर तो नहीं जो खा कर मर जाऊंगा।

10- मंजिल पाने का सफर थोड़ा कठिन जरूर होता है, लेकिन मंजिल मिलते हैं जिंदगी में सुकून मिलने लगता है।
11- जितना संघर्ष आप करते रहेंगे मंजिल उतना ही आपके नजदीक आती रहेगी।
12- ये राहें ले ही जाएँगी मंज़िल तक हौसला रख कभी सुना है कि अंधेरों ने सवेरा ना होने दिया।
13- ये भी क्या मंज़र है बढ़ते हैं न रुकते हैं क़दम, ताक रहा हूँ दूर से मंज़िल को मैं मंज़िल मुझे
14- मंज़िल हमारी हमारे करीब से गुज़र गयी हम दूसरों को रास्ता दिखाने में रह गए।

15- मंज़िल तो मिल ही जायेगी भटक कर ही सही, गुमराह तो वो हैं जो घर से निकला ही नहीं।
16- रास्ता भटकाने वाले बहुत मिलेंगे मंजिल पाने के सफर में, लेकिन तू अपने हौसलों को मत भटकने दियो मंजिल पाने से।
17- मंज़िल पाना तो बहुत दूर की बात हैं। गुरूरमें रहोगे तो रास्ते भी न देख पाओगे।
18- रास्ते कहाँ ख़त्म होते हैं ज़िंदग़ी के सफ़र में, मंज़िल तो वहाँ है जहाँ ख्वाहिशें थम जाएँ।
19- आज नहीं तो कल मंजिल मिलना तय है बस तू अपनी मेहनत जारी रख।

20- ऐ मेरी मंजिल थोड़ा सब्र रख बस पहुंचने वाला हूँ मैं, जरा इन मुसीबतों से निपट लू बस तुझे अपने सीने से लगाने आ रहा हूँ मैं।
21- अभी ना पूछो मंज़िल कँहा है, अभी तो हमने चलने का इरादा किया है। ना हारे हैं ना हारेंगे कभी, ये खुद से वादा किया है।
22- अगर हार का डर मन में बिठाये रखोगे तो कभी भी अपनी मंजिल के नजदीक नहीं पहुंच पाओगे।
23- खुद पुकारेगी मंज़िल तो ठहर जाऊँगा, वरना मुसाफिर खुद्दार हूँ, यूँ ही गुज़र जाऊँगा
24- जो शक्श दूसरो के मन से ज्यादा अपने मन की सुनता है वो शक्श अपनी मंजिल को जरूर पा लेता है।
25- मिलना किस काम का अगर दिल ना मिले, चलना बेकार हे जो चलके मंज़िल ना मिले
26- बस मेहनत की आग अपने अंदर रख एक ना एक दिन मंजिल तेरे कदमो में होगी।
इन्हे भी पढ़िए :-

Nitish Sundriyal is a Co-Founder Of Bookmark Status. He Is Passionate About Writing Quotes And Stories. Nitish Is Also A Verified Digital Marketer (DSIM) By Profession. He Has Expertise In SEO, Social Media Marketing, And Content Marketing