इस जग में जितने जुल्म नही, उतने सहने की ताकत है, तानो के शोर में भी रहकर, सच कहने की आदत है
आज भी फेके हुए पैसे हम नहीं उठाते है, क्योंकि हम मेहनत करके ही खाते है
इस जग में जितने जुल्म नही, उतने सहने की ताकत है, तानो के शोर में भी रहकर, सच कहने की आदत है
तू खुद की खोज में निकल किस लिए हताश है, तू चल तेरी वजूद की समय को भी तलाश है
जब तक ना सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम, संघर्ष का मैदान छोड़कर, मत भागो तुम
गिरना भी अच्छा है औकात का पता चलता है, बढ़ते है जब हाथ उठाने को अपनों का पता चलता है
चरित्र जब पवित्र है, तो क्यों है ये दशा तेरी, पापियों को हक़ नही, कि ले परीक्षा तेरी
जो तुझसे लिपटी बेड़ियाँ इनको समझना वस्त्र तू, ये बेड़ियाँ पिघला और बना ले इनको अस्त्र तू
मैं कोई तकनीक का इस्तेमाल नहीं करता हूँ, और न ही मैंने अभिनय का कोई विशेष प्रशिक्षण लिया हूँ, मैं जो भी कार्य करता हूँ, वो पूरी मेहनत के साथ ख़ुशी से करता हूँ
जिन परिस्थितियों से होकर गुजरा हु उस परिस्थिति में मेरा शरीर जिस प्रकार प्रतिक्रिया की है वह किसी रणक्षेत्र से कम नही है
आप जीवित रहने के लिए क्या करते है, और आपके जीने का उद्देश्य क्या है? इन दोनों में बहुत फर्क है
मर्द के सीने में दर्द नहीं होता है, दर्द जिस सीने में हो वो मर्द नही होता है
कोई भी लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं, हारा वही जो लड़ा नहीं।
जब तक ना सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम, संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुम
झे कभी-कभी इस बात से भी दुख होता है कि मेरे पास पूर्ण रूप से निरोग एवं स्वस्थ शरीर नहीं है।
नजदीकी फायदा देखने से पहले, दूर का नुकसान सोचना चाहिए
नफरत का खुदका कोई वजूद नही होता है वह तो सिर्फ मोहब्बत की गैर मौजूदगी का नतीजा है
मैं हमेशा दर्शकों का मेरे प्रति आकर्षण को देखकर चकित होता हूँ।
इन्सान ख्वाहिशो से बंधा, एक जिद्दी परिंदा है, जो उम्मीदों से ही घायल है, और उम्मीदों से ही जिंदा है
रिश्तें में तो हम तुम्हारे बाप लगते है नाम शहंशाह, मैं सिर्फ उसको रोकता हूँ जो चलता है जुर्म की राह
दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँ, प्यार का उसे पैगाम क्या दूँ, दिल में दर्द नहीं, उसकी यादें हैं, अब यादें ही दर्द दे, तो उसे इल्ज़ाम क्या दूँ
झे कभी-कभी इस बात से बहुत दुःख होता है कि मेरे पास एक निरोग शरीर नहीं है
तमन्नाओ से भरी हो जिंदगी, ख्वाहिशों से भरा हो हर पल, दामन भी छोटा लगने लगे, इतनी खुशियां दे आपको आने वाला कल
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Nitish Sundriyal is a Co-Founder Of Bookmark Status. He Is Passionate About Writing Quotes And Stories. Nitish Is Also A Verified Digital Marketer (DSIM) By Profession. He Has Expertise In SEO, Social Media Marketing, And Content Marketing