
1- जाने कितने छुपाए हुए गम है मेरे, दिल पत्थर आँखें नम है मेरी।

2- आंसू बरसे जो बरसात के मौसम में, हमने बारिश बता कर बात को रफा-दफा कर दिया।

3- पलकें भीगी हुई मन उदास था, उस दिन सिर्फ तन्हाई का मंज़र मेरे पास था।

4- आंसू बता कर बहते नहीं वरना कोई पूछने पर भी ना जान पाता गम को हमारे।

5- दिल से टूटे हुए लोग अक्सर दिल के अच्छे ही होते हैं, मुस्कुराहटें झूठी हो सकती है जनाब आंसू हमेशा सच्चे ही होते है।

6- उम्र के चलते हमे दिन और रात अकेले बिताने आ गए, झूठी मुस्कुराहटें दिखानी आ गई हमे आंसू छिपाने आ गए।

7- अजीब सी आदत है इन आँखों की ये रोती भी उन्ही के सामने है जो इन्हे रोता हुआ नहीं देखना चाहता।

8- हँसा नहीं सकता तो कम से कम रुलाया ना कर, यूँ दूर चले जाने के लिए मेरे क़रीब तू आया ना कर।

9- जानता नहीं था गहराई इस दिल की जानता नहीं था इतने दुःख इसके अंदर है, जानता नहीं था ये बस आँखें नहीं मेरी इनके अंदर भी एक समंदर है।

10- सोचकर बहुत सोचा की भूल जाएंगे उन्हें, सब भूलकर फिर उन्हें ही याद फ़रमाया गया।
11- मुझ पर ताने कसने वाले कम नहीं है, मुझे रुला कर मुझ पर हसने वाले कम नहीं है।
12- अब जो रोएंगे तो खून निकलेगा सनम, आंसू जो थे वो कब के बहा दिए हमने।
13- तेरी याद के गम में हमने सदियां बिताई है, हमने आंसू नहीं आंसुओं की नदिया बहाई है।
14- कुछ रिश्ते बाकी बस जज़्बात में ही रह जाते हैं, कुछ आंसू जगह नहीं ढूंढ पाते इसीलिए शायद आँख में ही रह जाते हैं।

15- तेरे कन्धों की गैर मौजूदगी में सनम हम दीवारों से लिपटकर रोया करते थे।
16- कितना सुकून मिलता है कोने में, कोई अड़चन नहीं है रोने में।
17- बस देर लगी किसी की जुबां से तेरा नाम कहने के लिए, बहाना मिल गया इन आंसुओं को बहने के लिए।
18- सोचता होगा ये दिल भी कोई एक रात में कितना रो सकता है, सोचती होंगी ये आँखें भी कोई एक रात में कितना रो सकता है।
19- फिसलने लगी पन्नों पर कलम जिधर गई, आंसुओं से मेरे पन्नों पर लिखी सारी शायरियां बिखर गई।

20- वापसी का सफर अब नामुमकिन होगा, निकल चुके हैं हम आँख से आंसू की तरह।
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21- ये झूठी मुस्कुराहटें ये नमी आँखों की, एक ही बात ज़ाहिर करती है कहानी लाखों की।
22- आँखों में कुछ जाने पर आए आंसू झूठे होते हैं, मगर जब कोई आँखों के सामने से चला जाए तो आंसू कभी झूठे नहीं होते।
23- ना ये वक़्त ख़त्म हो रहा है ना ये आंसू सनम, देख तेरे जाने से क्या हो गया।
24- अगर आंसुओं के मोती की कुछ क़ीमत होती सनम, तो कल रात भीगा तकिया लाखों में बिकता।

25- यूँ ही खुद बी खुद बातों-बातों में आ गया, तेरा नाम लिया और एक आंसू आँखों में आ गया।
26- जैसे इंसान नाम खुदा का लेकर निकलते हैं घर से, ये आंसू आँख से तेरा नाम लेकर निकलते हैं।
27- आंसुओं से आँखें धुंदली हो राखी है, तेरे जाने के बाद ज़िन्दगी में कोहरा छा गया है।
28- लाख आंसू उसके सामने निकले, वो पत्थर दिल कतरा भर भी ना पिघले।
29- दिल पिघला तो पानी आँखों से निकला, मुस्कराहट चेहरे से गायब हुई और चैन रातों से निकला।
30- वो अश्क बन के मेरी चश्म-ए-तर में रहता है, अजीब शख़्स है पानी के घर में रहता है।
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31- पूछते हैं सब मिलकर तुझसे क्या मिलता है मुझे, जानते ही नहीं तू दिल की हक़ीम है और मर्ज़ दिल का है।
32- जी तो चाहता है मुस्कुराने का मगर ये दुखड़े कम ही नहीं होते।
33- अब मुझ से अच्छा भी कौन मिलेगा तुझे, तेरे इतना करने के बाद भी मैं क़िस्मत को बुरा कह रहा हूँ।
34- तुझे अपना मानेंगे फिर चाहे कहे ना कहे हम, हम तेरे रहेंगे फिर चाहे रहे ना रहे हम।
35- यादें दफ़न तेरी कर कई बार आया हूँ, मगर फिर ज़िंदा हो उठती है तेरे एक ज़िकर में सनम।
36- अश्क़ों से बहता भी तो नहीं, ये यादों का किला तेरा रेट का मकान भी तो नहीं।
37- तू करे मुझे तो बातें अच्छी ही निकलेगी, तू हाल पूछ तो सही तबियत मेरी अच्छी ही निकलेगी।
38- माना थोड़ा जज़्बाती हूँ मैं, मगर बर्बादियों का आदि हूँ मैं।
39- हम किसी को अपना कहते बेज़ुबान ना होते, जो अपना हमारे अनजान ना होते।
40- चाँद लोग हैं बस चाँद जैसे, एक तुम हो और एक खुद चाँद है।
41- सजा की खता पूछ रहा हूँ मैं, ज़िन्दगी से मौत का पता पूछ रहा हूँ मैं।
42- रात गहरी काली बिलकुल काजल हो गई है, तेरी याद में बहती रहती है आँखें बादल हो गई है।
43- तू नज़र ही नहीं आती अब, नज़र का काम मुझे नज़र ही नहीं आता अब।
44- साल बदला है हाल वही है, तू कब आएगी जुबां पर सवाल यही है।
45- आंसू की स्याही से लिखे कई नग्मे हैं, ज़िन्दगी ने मेरी मुझे दिए कई सदमे हैं।
46- दर्द बया कर सकूं ऐसे लफ्ज़ ढूंढ दे मेरे लिए, ज़िन्दगी मुझे तूने कुछ कहने लायक नहीं छोड़ा।
47- ईश्वर का ना रहा खुदा का ना रहा नबी का नहीं रहा, तूने क्या छोड़ा मुझे मैं कहीं का नहीं रहा।
48- जैसा पसंद है तुम्हे वैसा मिजाज़ इख़्तेयार कर रहा हूँ, लौट आना जब मर्ज़ी मैं इंतज़ार कर रहा हूँ।
49- आवाज़ तेरी यादों की कानों में गूँज रही है, मैं तेरी यादों से छुपता फिर रहा हूँ और वो हर पल मुझे ढूंढ रही है।
50- ज़ख्म दे जिसे वो चीख भी ना सके, सनम वो हुनर है तेरे पास हश्र करने का।

Manish mandola is a co-founder of bookmark status. He is passionate about writing quotes and poems. Manish is also a verified digital marketer (DSIM) by profession. He has expertise in SEO, GOOGLE ADS and Content marketing.