
1- अपनी जिंदगी में बस तुम इतना हुनर रखना की कभी भी किसी के आगे हार मत मानना।

2- मेरे पास किसी और चीज का हुनर हो या न हो लेकिन मेरे पास ये हुनर तो है ही की मै इस जमाने से अकेले लड़ सकता हूँ।

3- जिनके हुनर में कुछ बात होती है, उनके हुनर की मिसाल हर जगह दी जाती है।

4- जो लोग कम बोलते है अक्सर सही समय आने पर उन लोगो के हुनर बोलते है।

5- ना जाने उनके हुनर में क्या बात है, बड़ी शिद्दत से नजरअंदाज करते हैं वो हमें।

6- जिनके पास गिरकर फिर से उठने का हुनर होता हैं, उनका एक ना एक दिन कामियाबी से मिलना तय होता है।

7- अकड़ती जा रही हैं हर रोज गर्दन की नसें, आज तक नहीं आया हुनर सर झुकाने का।

8- जो लोग हमेशा निकालते रहते हैं मेरे अंदर की कमियां, अब वो मेरे हुनर को देखकर निकालते रहते हैं अपने अंदर की कमियां।

9- कभी भी किसी के आगे सर नहीं झुकाया है मैंने, क्योंकि मेरे माँ-बाप ने कभी भी यह हुनर नहीं सिखाया हैं मुझे।

10- मेरी सिर्फ एक ही तमन्ना हैं, मुझे भी अपने हुनर के सहारे करना अपने माँ-बाप का नाम ऊँचा हैं।
11- ज़ुल्म के सारे हुनर हम पर यूँ आज़माए गये, ज़ुल्म भी सहा हमने और ज़ालिम भी कहलाये गये।
12- हमने गलती से प्यार करने का हुनर क्या सिख लिया, ऐसा लगता हैं की हमने खुद को बर्बाद कर लिया।
13- जब भी बात झूठ बोलने की आती है, तो तेरे हुनर का जिक्र मेरे मुँह से अपने आप निकल आता हैं।
14- मै हमेशा करता रहता था इस बात का घमंड, की मुझे आता हैं लोगो को समझने का हुनर, लेकिन जब मुझे पता चला की अब तक मै अपने अपनों को ही नहीं समझ पाया तो कसम से उसी वक्त चूर-चूर हो गया मेरा पूरा घमंड।

15- उस दिन मुझे अपने हुनर की हुनर की पहचान हुई, जिस दिन मेरे अंदर कामियाब होने की आग आयी।
16- कमाल की दुनिया हो गयी है, ऐब छुपाना भी हुनर माना जाता है यहाँ।
17- बुलन्दियों को पाने की ख्वाहिश तो बहुत थी, लेकिन दूसरो को रौंदने का हुनर कहां से लाता।
18- मेरे पास किसी और चीज का हुनर हो या न हो लेकिन मेरे पास ये हुनर तो है ही की मै इस जमाने से अकेले लड़ सकता हूँ।
19- मैं अपनी आँख पर चशमाँ चढ़ा कर देखता हूँ हुनर ज़ितना हैं सारा आजमा कर देखता हूँ नजर उतना ही आता हैं की ज़ितना वो दिखाता है मैं छोटा हू मगर हर बार कद अपना बढ़ा कर देखता हूँ।

20- जिंदगी में कभी भी अपने किसी हुनर पे घमंड मत करना, क्यूँकी पत्थर जब पानी में गिरता है तो अपने ही वजन से डूब जाता है।
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21-हर किसी के पास कोई ना कोई हुनर तो जरूर हैं होता है, बस फर्क इतना होता हैं की किसी का दिखता नहीं और कोई पूरे जमाने को दिखा जाता हैं।
22- सोचों तो एक खूबसूरत हुनर है खामोश रहना अकेले में सोचना, कितना बड़ा ऐब है सब कुछ कहना।
23- वक्त सिखा देता है जीने का हुनर फिर क्या नसीब, क्या मुक़द्दर और क्या हाथ की लकीरें।
24- ज़ुल्म के सारे हुनर हम पर यूँ आज़माए गये, ज़ुल्म भी मोहब्बत की दास्ताँ लिखने का हुनर तो आ गया पर महबूब को मनाने में अब भी नाकाम हूँ मैं।
25- मुझे हर किसी को अपना बनाने का हुनर आता है तभी मेरे बदन पर रोज़ एक घाव नया नज़र आता है।
26- जिनके आँगन में अमीरी का शज़र लगता है उन का हर ऐब भी जमाने को हुनर लगता हैं।
27- ऐ आईने मुझे भी दे-दे जरा सा इल्म चेहरे बदलने का, आ जाए मुझमें भी हुनर जमाने के साथ चलने का।
28- जिनके पास वक्त के साथ-साथ चलने का हुनर होता है, उनको कामियाब होने से कोई भी शक्श रोक नहीं पाता है।
29- इश्क में आसान है तो भुला दो हो सके तो ये हुनर मुझे भी सिखा दो।
30- जिंदगी में कुछ गहरे जख्म कभी नहीं भरते, इन्सान बस उन्हें छुपाने का हुनर सीख जाता है।

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